केले पर कविता

केले पर कविता

सबसे प्यारा सबसे न्यारा
मेरा नाम है बनाना।

यूं तो हू मैं पीले रंग का
सबका दिल हूं चुराता ।

आम, अनार, सेब, संतरे
सबके स्वाद निराले।

मैं जीता हूं बिना बीज के
ऐसा हूं मैं अनोखा ।

कदली, केला, रंभा, भानूफल
ऊंचा लंबा मेरा कद।

पूजा पाठ में करे इस्तेमाल
भोग भी लगे मेरे नाम ।

सब्जी हो या प्रसाद हो
केला सबसे आगे हो।

ऐसा गुण किस फल में हो
जो केले के पास हो।

*अमिषी उपाध्याय*

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