खिले जो फूल बहारों के चमन हुआ रोशन – अनिल कुमार गुप्ता अंजुम

इस कविता में जिन्दगी के खुशनुमा पहलुओं को महसूस करने का प्रयास किया गया है |
खिले जो फूल बहारों के , चमन हुआ रोशन - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम "

खिले जो फूल बहारों के चमन हुआ रोशन – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

कविता संग्रह
कविता संग्रह

खिले जो फूल बहारों के , चमन हुआ रोशन

खिले जो चेहरे नजारों के , दिल हुआ रोशन

पाकीजगी उनकी भा गयी हमको , खिला हुस्न का चमन

एक निगाह रोशन कर गयी रातें मेरी , हर एक पल जन्नत सा हुआ रोशन

तोहफा मुहब्बत का अता कर मुझको ऐ मेरे खुदा

तेरी एक निगाह से , मेरी जिन्दगी हुई रोशन

काबिल समझ कर मुझको , अपनी पनाह में ले मुझे मेरे खुदा

तेरी रहमत जो हो जाए , जन्नत सा रोशन हो मेरा चमन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *