संगीत और जीवन आपस में हैं जुड़ें
कभी सुनो धड़कन की आवाज।
कभी सांसों में ,वो बजता साज
जीवन संगीत की मधुर आवाज।
कभी अधरों पर आई हंसी हो।
कभी बोली मैं आई मिठास हो।
सब जीवन संगीत का मधुर राग।
कभी शिशु की मधुर किलकारियों में।
कभी आंखों से बहते अश्कों धारों में।
जीवन संगीत के सारे स्वर मिल जाते।
सभी आपस में मिल मधुर राग बनाते।
कभी क्रोध की प्रखर गर्जना में।
कभी मन के अंदर छुपी वेदना में।
जीवन संगीत के राग मिल जाते।
कभी शोर मचाते, कभी शांत रह जाते।
संगीत बिन जीवन की कल्पना ना कर पाते।
संगीत के स्वर हमारे , भटके मन को बहलाते ।
कभी चित्त को शांत कर हमें क्रोध से उबारते ।
तो कभी ये स्वर, आनंद मन के साथ हो जाते।
संगीत और जीवन आपस में ऐसे हैं जुड़े ।
जैसे तरु की शाखा, जड़ के सहारे हैं खड़े ।।।
By_ Pragnya Gupta.