निर्मल नीर के हाइकु

निर्मल नीर के हाइकु

हाइकु

नूतन वर्ष~
चारों तरफ़ छाया
हर्ष ही हर्ष

काम न दूजा~
सबसे पहले हो
गायों की पूजा

है अन्नकूट~
कोई न रहे भूखा
जाये न छूट

भाई की दूज~
पवित्र है ये रिश्ता
इसको पूज

दिवाली आई~
घर-घर में देखो
खुशियाँ छाई


निर्मल ‘नीर’

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

Leave a Reply