अक्षय ऊर्जा का अलख ( भारतीय अक्षय ऊर्जा दिवस पर कविता )

भारतीय अक्षय ऊर्जा दिवस का उद्देश्य स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को प्रोत्साहित करना और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस अवसर पर एक कविता प्रस्तुत है जो अक्षय ऊर्जा के महत्व और उसके सकारात्मक प्रभावों को दर्शाती है:

अक्षय ऊर्जा का अलख ( भारतीय अक्षय ऊर्जा दिवस पर कविता )

अक्षय ऊर्जा का अलख

जब सूरज की किरणें बिखरती,
धरती पर उजियारा करती,
हवा की सरसराहट संग,
हम पाएं ऊर्जा का नया रंग।

अक्षय ऊर्जा की हो बयार,
हरियाली से हो संसार,
सौर, पवन और जल की धारा,
बनें स्वच्छ ऊर्जा का सहारा।

बढ़े कदम हम स्वच्छता की ओर,
अक्षय ऊर्जा का लें सहारा,
प्रकृति संग तालमेल बिठाएं,
हर जीव को जीवन दें नया सहारा।

सूरज की रोशनी से मिले उजाला,
पवन के झोंकों से ऊर्जा का निवाला,
जल की लहरों से मिले जोश,
अक्षय ऊर्जा से बढ़े विश्व का ओज।

कोयला-तेल की निर्भरता घटाएं,
स्वच्छ ऊर्जा को अपनाएं,
पर्यावरण को बचाएं हम,
हर कदम पर स्वच्छता बढ़ाएं।

स्वच्छ वायु, निर्मल जल,
अक्षय ऊर्जा से भरपूर हो कल,
आओ मिलकर संकल्प लें,
हर घर में ऊर्जा का दीप जलाएं।

हरियाली का हो जब राज,
प्रदूषण न फैलाए अपनी बाज,
अक्षय ऊर्जा से चमके हर घर,
हमारा भारत बने ऊर्जा का स्वर।

भारतीय अक्षय ऊर्जा दिवस पर हम,
प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी निभाएं,
हर व्यक्ति बनें ऊर्जा का प्रहरी,
स्वच्छ और सुंदर बने यह धरती हमारी।


यह कविता अक्षय ऊर्जा के महत्व और इसके द्वारा पर्यावरण को होने वाले लाभ को उजागर करती है। यह हमें प्रेरित करती है कि हम नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाकर अपनी धरती को स्वच्छ और स्वस्थ बनाएँ।