रूह की बस्ती में बसा लिया

रूह की बस्ती में बसा लिया     हम तुझे  छोड़  भी नहीं पाये, अलविदा  कहकरदिल में तुम ही तुम हो, ख्वाबों-ख़यालों में रहकरइब्तिसाम  तेरी  क़यामत, रह गयी  इन आँखों  मेंभूलना   तो   चाहा  ...

मिलते हैं हमसफर

मिलते हैं हमसफर कैसा भी सफर होसाथ से कट जातासुविधा से  व्यक्तिमंजिल तक पहुँचता । अब सफर स्कूल तकसफर खेल मैदान कापनघट तक का होया फिर मंदिर मस्जिदया उत्सव त्यौहार कासब हम सफर रहतेसुख दुख साझा सहते। जीवन के सफर में भीएक हम सफर चाहिएसुहाना हो जाये सफरसमय हो जाये...

आज मैं बोलूंगा

आज मैं बोलूंगा आज मैं बोलूंगा…खुलकर रखूंगा अपने विचार…अभिव्यक्ति की आजादी जो हैं…सीधे सपााट, सटीक शब्द रखूंगा…आम जनता के मन मस्तिष्क में ..समाने वाले..मस्तिष्क की गहराईयोंं तक…उतर जायेंगे…मौन शब्द…करेंगे …प्रहार पर प्रहार… छलनी करेेंगे…अन्तर्आत्मा…नहीं कहूूंंगा...

बंद का समीकरण -रमेश कुमार सोनी

बंद का समीकरण-रमेश कुमार सोनी बंद है दुकानें, कारोबारभारत बंद का हल्ला हैलौट रहे हैं मज़दूर, कामगारअपने डेरों की ओर खाली टिफिन,झोला लिए हुए,बंद हैं रास्ते, अस्पतालशहर का सूनापन चुभ रहा है मुझेभूख का भेड़ियाबियाबान खामोशी फैलाकरलौट गया है अपने राजाप्रासाद में ।।अकेले भाग...

संगीत जरुरी है  

संगीत जरुरी है   जीवन  एक  मधुर   संगीत  है  ।इसे  सुर  लय  में  गाना  सीखो ।सात  सुरो  की स्वर मालिका  को,शुद्ध   कंठों  से  लगाना  सीखो ।। परमेश्वर  ...