पालक जागरूकता पर कविता / डॉ विजय कन्नौजे

पालक जागरूकता पर कविता / डॉ विजय कन्नौजे

बुलाते हैं शिक्षक पालक को
पर आते नहीं है लोग।
पालक बालक जागरूक हो
शिक्षक को लगाते दोष।

अनुशासन की पाठ कहें तो
कुछ शिक्षक नही निर्दोष।
गेहूं के संग है कुछ घुन पीसे
शिक्षक गरिमा हो दोस्त।।

शिक्षा विभाग पद गरिमा
मानते हैं लोग गुरूनंत।
विद्यालय है एक मंदिर
जहां बाल रूप भगवंत।।

बाल पाल अरू गुरू मिल
करें सदा विचार।
संस्कार सृजन हेतु सबन
ध्यान देवें सरकार।।

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।