डॉ. राम मनोहर लोहिया जयन्ती पर कविता : आर्चिक जीवन एवं शिक्षा डॉ. राममनोहर मूर्ति का जन्म 23 मार्च 1910 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या जनपद में वर्तमान-अम्बेडकर नगर जनपद में हुआ था। उनके परमप्रिय श्री हीरालाल कट्टर से शिक्षक एवं हृदय से भक्त राष्ट्रभक्त थे। प्रबल वर्ष की आयु में ही उनकी माताजी (चंदा देवी) का देहान्त हो गया था।
कद छोटा मगर
© राजेंद्र प्रसाद ‘राजन’
कद छोटा मगर कृतित्व से महान् थे लोहिया।
समता के पोषक, प्रणेता थे प्राण लोहिया ।
आस्तिक थे किंतु रूढिभंजक थे लोहिया ।
सचमुच दलित की, दीन की भाषा थे लोहिया ॥
अभिमान से अनभिज्ञ मस्तमौला थे लोहिया।
राष्ट्रीयता के भाव में सराबोर थे लोहिया ।
सीने में क्रांतिज्वाल और बाँहों में बल प्रबल ।
आजाद सोच मन लिये, तूफान थे लोहिया ।
अहिंसा के पथिक थे, ये मगर थे क्रांति दूत भी।
सिंह- सी गर्जन लिये मृगराज थे लोहिया ।
हिंदू थे जनम से, मगर मुसलिम, ईसाई भी।
इंसानियत से पूर्ण, मनुजवर थे लोहिया ।।
साहस, सुबुद्धि, त्याग से, प्रतिभा से पूर्ण थे।
सूरज-सा तेज, चंद्र-से शीतल थे लोहिया।
हीरे से मूल्यवान, दृढ थे वज्र से कठोर ।
बालक-सी सरलता लिये कोमल थे लोहिया ||
लैला ए हिंदुस्तान के, मजनू थे लोहिया।
शोषित, दलित व वंचितों के थे मान लोहिया ।
पीडित, दुःखी व दीन के, सचमुच थे मसीहा
‘राजन’ वो राजनीति की थे शान लोहिया ||