प्रणाम का महत्व -प्रशांत दीक्षित

प्रणाम का महत्व –प्रशांत दीक्षित

21 नवम्बर विश्व नमस्ते दिवस namaste
21 नवम्बर विश्व नमस्ते दिवस

करो मां बाप की सेवा को तुम ,
सफलता तुम्हारे कदम चूम लेगी ।
करो तुम अपने बड़ों को प्रणाम ,
इज्जत तुम्हारे कदम चूम लेगी।
करते रहो तुम पिता को प्रणाम,
संपत्ति तुम्हारे कदम चूम लेगी ।
करते रहो तुम माता को प्रणाम,
ममता तुम्हारे कदम चूम लेगी।
करते रहो तुम बहन को प्रणाम,
चारित्रता तुम्हारे कदम चूम लेगी।
करते रहो तुम भैया को प्रणाम,
ताकत तुम्हारे कदम चूम लेगी।
करते रहो तुम गुरु को प्रणाम,
शिक्षा तुम्हारे कदम चूम लेगी।।

प्रशांत दीक्षित

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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