श्री राम को प्रणाम है/ डाॅ विजय कुमार कन्नौजे

श्री राम को प्रणाम है/ डाॅ विजय कुमार कन्नौजे



धीर वीर श्री राम को
कोटि-कोटि प्रणाम है।
कौशल्या के लाल
दशरथ कुमार है।
संत हितकारी पर
दुष्टों का काल है।।

वही प्रभु श्री राम को
कोटि-कोटि प्रणाम है ।।

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निर्गुण निराकार पर
धरती में अवतार है।
दशरथ कुमार है पर
कण कण में राम है।।
धीर वीर संयम शील
श्री राम को प्रणाम है।

देखने पर मनुज मगर
श्रीबिष्णु का अवतार है।
आदि अनादि अनंत
सर्वव्यापी प्रभु राम है।
शिव के अराध्य और
भक्तों के भगवान है।
मर्यादा पुरुषोत्तम राम को
कोटि-कोटि प्रणाम है।

डाॅ विजय कुमार कन्नौजे

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।