शिक्षा रोजगार पर कविता

शिक्षा रोजगार पर कविता

शिक्षा की महिमा अति भारी।
जन मन में करती उजियारी।
ज्ञान प्रकाश हृदय भर देती।
मन के सकल तमस हर लेती।।1।।


विविध विषय के बनकर ज्ञाता।
बनकर अपने भाग्य विधाता।।
युवा कर्म पथ बढते जाते।
अनुसंधान सफल हो पाते।।2।।

रोजगार से शिक्षा जुड़ती।
मानो गंध स्वर्ण में भरती।।
बढे सृजन पथ युवा शक्ति जब।
जग मंगल के कार्य सधे तब।।3।।


सुदृढ समृद्ध राष्ट्र उभरता।
लक्ष्य सिद्धि जन मन में भरता।।
जीवन अमित उमंग सुहाये।
हर्षित मंगल साज सजाये।।4।।


स्वर्ग समान  धरा सज जाती।
मंगलमय जीवन की थाती।।
फूले फले मोदमय जीवन।
सुखद पल्लवित छाये उपवन।।5।।

सफल सुशिक्षा सब हितकारी।
रोजगार जन मंगल कारी।।
करे विकास देश नित अपना।
पूरित  विश्व शांति का सपना।।

पुष्पा शर्मा “कुसुम”

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