स्वच्छता अभियान चाहिए

कविता संग्रह
कविता संग्रह

स्वच्छता अभियान चाहिए

दया-धर्म करुणामय पावनअधरोंपर मुस्कान चाहिए।
अनमोल मानव जीवनमें स्वच्छता अभियान चाहिए।

परमार्थ परहित पुरुषार्थ क्षमा शीलता दान चाहिए।
स्वच्छता से नेक कमाई भोजन वस्त्र मकान चाहिए।

देशधर्म सत्कर्म सुपावन प्रगतिपथ कल्यान चाहिए।
नेकी भलाई पुण्य में भी स्वच्छता अभियान चाहिए।

बन्धुत्व एकत्व समत्व का निज अंतः में भान चाहिए।
हरि दिखे हर-हर में हरदम ऐसा सुमिरन ज्ञान चाहिए।

निज अंतः निर्मल कर सत्य-असत्य पहचान चाहिए।
सत्कर्मों में सहज भावसे स्वच्छता अभियान चाहिए।

आत्म संयम संतोष सत्यनिष्ठा सत्संग वितान चाहिए।
प्रेम श्रध्दा विश्वासपूर्ण स्वच्छता अभियान चाहिए।

जीवन नाम चलने का आलोक अभय रुझान चाहिए।
देश सुरक्षा में भी सर्वदा स्वच्छता अभियान चाहिए।

प्रकृति आत्मा परमात्मा ज्ञान भी लेना जान चाहिए।
स्वच्छता जाने कोई कैसे नित नूतन उत्थान चाहिए।

राष्ट्रहित में मर मिटने को स्वच्छ लगन ईमान चाहिए।
मात-पिता गुरुजन सेवामें स्वच्छता अभियान चाहिए।

भारत की आत्मा है हिन्दी ,हिन्दी हर जुबान चाहिए।
स्वच्छता हेतु”बाबूराम कवि”मानवधर्म महान चाहिए।

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बाबूराम सिंह कवि
बड़का खुटहाँ , विजयीपुर
गोपालगंज(बिहार)841508
मो0नं0 – 9572105032

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