Tag: छत्तीसगढ़ी लोक साहित्य

  • तन्नक सुपारी हमें दैयो

    तन्नक सुपारी हमें दैयो

    तन्नक सुपारी हमें दैयो

    तन्नक सुपारी हमें दैयो ओ मोरे लाल ,
    बढई भैया मित्र हमारे-(२)
    खेरे का डंडा मंगाय दैयो ओ मोरे लाल -(२)
    तन्नक सुपारी हमें दैयो ओ मोरे लाल..

    लोहार भैया मित्र हमारे-(२)
    खेरे का डंडा में लोहे का कुंडा लगाय दैयो ओ मोरे लाल -(२)
    तन्नक सुपारी हमें दैयो ओ मोरे लाल..

    कसार भैया मित्र हमारे-(२)
    खेरे का डंडा में लोहे का कुंडा में पीतल के घुँघरू लगाय दैयो ओ मोरे लाल -(२)
    तन्नक सुपारी हमें दैयो ओ मोरे लाल..

    सुनार भैया मित्र हमारे-(२)
    खेरे का डंडा में लोहे का कुंडा में पीतल के घुँघरू में सोने की लड़ियाँ लगाय दैयो ओ मोरे लाल -(२)
    तन्नक सुपारी हमें दैयो ओ मोरे लाल..

    जोहरी भैया मित्र हमारे-(२)
    खेरे का डंडा में लोहे का कुंडा में पीतल के घुँघरू में सोने की लड़ियों में हीरे और मोती लगाय दैयो ओ मोरे लाल -(२)
    तन्नक सुपारी हमें दैयो ओ मोरे लाल..

    • संकलित