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  • दीदी की डायरी पर कविता/ जानसी पटेल

    दीदी की डायरी पर कविता/ जानसी पटेल

    दीदी की डायरी पर कविता/ जानसी पटेल

    दीदी की डायरी में, अनगिनत कहानियाँ,
    सपनों की बातें और बचपन की नादानियाँ।

    रंग-बिरंगे पन्ने, सजी यादों से प्यारे,
    सुख-दुःख के पल, हर पन्ने में गुज़ारे।

    पहला प्यार, पहली दोस्ती की कहानी,
    स्कूल के दिन, और परीक्षा की निशानी।

    माँ की डाँट, पापा का प्यार भरा पत्र,
    हर पन्ना बोले, जैसे हो कोई मंत्र।

    आँखों में सपने, भविष्य की उड़ान,
    दीदी की डायरी में, सजी हर एक जान।

    रात की खामोशी में, जब सब सो जाते,
    दीदी की डायरी, मेरे संग परह जाते।

    भावनाओं का दरिया, उसमें बहता,
    हर पन्ना जैसे, जीवन का रहस्य कहता।

    दीदी की डायरी, अनमोल धरोहर,
    स्मृतियों का खजाना, सजीव चित्रों का सफर।

  • नव दीप / जानसी पटेल

    नव दीप / जानसी पटेल

    यहाँ पर “नव दीप जले हर मन में” शीर्षक से जानसी पटेल की एक कविता प्रस्तुत की जा रही है:

    नव दीप

    नव दीप / जानसी पटेल

    रचयिता: जानसी पटेल

    नव दीप जले हर मन में,
    नव ज्योति बहे हर जीवन में।

    अंधकार हटे हर कोने से,
    प्रकाश फैले इस सृष्टि में।

    सपने संजोए आँखों में,
    संकल्प हो सजीव मन में।

    स्नेह और विश्वास की रीत,
    हर दिल में हो प्रेम संगीत।

    नफरत का हो अंत यहाँ,
    मित्रता की हो नई दास्तान।

    धर्म, जाति, भेदभाव मिटें,
    मानवता का दीप सदा जलें।

    शांति का हो हर तरफ संदेश,
    भाईचारा हो जग में विशेष।

    नव दीप जले हर मन में,
    नव ज्योति बहे हर जीवन में।

    आओ मिलकर संकल्प करें,
    समाज में नई रोशनी भरें।

    अंधेरे से हम लड़ें सभी,
    प्रकाश का दीप जलाएँ तभी।

    नव दीप जले हर मन में,
    नव ज्योति बहे हर जीवन में।


    इस कविता में जानसी पटेल ने आशा, प्रेम, और भाईचारे का संदेश दिया है। हर व्यक्ति के मन में नई उम्मीदों और सकारात्मकता के दीप जलाने का आह्वान किया है, जिससे समाज में शांति, प्रेम, और सद्भावना का वातावरण बने।