चोर- चोर मौसेरे भइया – उपमेंद्र सक्सेना
चोर- चोर मौसेरे भइया अंधिन के आगे जो रोबैं,बे अपने नैनन कौ खोबैंचोर -चोर मौसेरे भइया,बे काहू के सगे न होबैं। कच्ची टूटै आज गाँव मै,ठर्रा केते पियैं लफंगापुलिस संग मैं उनके डोलै, उनसे कौन लेयगो पंगारोज नदी मै खनन होत है, रेता बजरी चोरी जाबैरोकै कौन इसै अब बोलौ,रोकन बारो हिस्सा खाबै खुद फूलन … Read more