पंजाब धरा का सिंह शूर

mahapurush

पंजाब धरा का सिंह शूर विधा-पदपादाकुलक राधेश्यामी छंद पर आधारित गीत। पंजाब धरा का सिंह शूर, फाँसी पर हंसकर झूल गया।बस याद उसे निज वतन रहा,दुनियादारी सब भूल गया। माँ की गोदी का लाल अमर,था गौरव पितु के मस्तक का।उस आँगन देहरी द्वार गली,है नमन तीर्थ के दस्तक का। था सृष्टा का वह अमर दीप, … Read more