अवि के हाइकु
अवि के हाइकु जीवन पथप्रेम और संघर्षदुलारा बेटा मनमोहनबलिहारि जाँऊ मैंतेरी मुस्कान मां हूँ मैंलड़ूंगी भूख से मैंये अग्निपथ समर्पित हैतुझ पे ये जीवनराज दुलारा ©अविअविनाश तिवारीजांजगीर चाम्पा
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०अविनाश तिवारीके हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
अवि के हाइकु जीवन पथप्रेम और संघर्षदुलारा बेटा मनमोहनबलिहारि जाँऊ मैंतेरी मुस्कान मां हूँ मैंलड़ूंगी भूख से मैंये अग्निपथ समर्पित हैतुझ पे ये जीवनराज दुलारा ©अविअविनाश तिवारीजांजगीर चाम्पा
अविनाश तिवारी के दोहे घड़ी घड़ी घड़ी का फेर है, मन में राखो धीर।राजा रंक बन जात है, बदल जात तकदीर।। प्रेम प्रेम न सौदा मानिये, आतम सुने पुकार।हरि मिलत हैं प्रीत भजेमति समझो व्यापार।। दान देवन तो करतार है, मत कर रे अभिमान।दान करत ही धन बढ़ी, व्यरथ पदारथ जान।। व्यवहार कटुता कभू न … Read more
चोका कैसे लिखें शिल्प की दृष्टि से चोका की पंक्तियों में क्रमशः 5 और 7 वर्णों की आवृत्ति होती है तथा अंतिम पाँच पंक्तियों में 5,7,5,7,7 वर्णक्रम अर्थात एक ताँका के क्रम से कविता पूर्ण होती है । कविता की लंबाई की सीमा रचनाकार की भाव पूर्णता पर निर्भर रहती है । या यूँ कहें … Read more
अविनाश तिवारी की रचना मां मंदिर की आरती मां मंदिर की आरती,मस्जिद की अजान है।मां वेदों की मूल ऋचाएं, बाइबिल और कुरान है। मां है मरियम मेरी जैसी,मां में दिखे खुदाई है।मां में नूर ईश्वर कारब ही मां में समाई है।मां आंगन की तुलसी जैसीसुन्दर इक पुरवाई है।मां त्याग की मूरत जैसीमां ही पन्ना धाई … Read more
यहाँ पर शीत ऋतु (ठण्ड) पर कविता दिए गये हैं आपको कौन सी अच्छी लगी , नीचे कमेंट बॉक्स पर जरुर लिखें शीत ऋतु का आगमन घिरा कोहरा घनघोरगिरी शबनमी ओस की बूंदेबदन में होने लगीअविरत ठिठुरन ओझल हुई आंखों सेलालिमा सूर्य कीदुपहरी तक भी दुर्लभहो रही प्रथम किरण इठलाती बलखातीबर्फ के फाहे बरसातीशीत ऋतु … Read more