बछ बारस पर कविता – दोहा छंद

बछ बारस पर कविता - दोहा छंद बछ बारस सम्मानिए, गौ बछड़े की मात।मिटे पाप संताप तन, दैव प्रमाणित बात।।पावस सावन में मनें, बछ बारस का पर्व।गौ सेवा कर नर…

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