आओ खेल खेलें- दीपा कुशवाहा

kavita

“आओ खेल खेलें” एक कदम बढ़ाओ जोश दिखाओछुपे अपने प्रतिभाओं को होश में लाओजिम्मेदारियों की चादर में ढक गईअपनी खेल जिज्ञासा को जगाओमजबूती की ढाल पकड़कर तुमनई उम्मीदों को सजाओभूले बिसरे दोस्तों को बुलाओजिंदगी में थोड़ा आनंद लाओपरिवार के साथ मिलकर भीचलो थोड़ा खेल को सजाओंविलय होते बीमारियों से अनमोल जीवन को बचाओबचपन को याद … Read more

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भगत सिंह की याद में

भगत सिंह

भगत सिंह की याद में टपक टपक के आंसुओं का दरिया बन गयासितम गम का, समा भी गमगीन हो गया। खामोशी बिखरी ,मुर्दों पर ढकी कफ़न लिएपर कदम ना थके ना हिम्मत हारी वतन के लिए। बढ़ते चले ,इंकलाब कहते चले ,अंग्रेजो की बर्बादी लिएभारत भूमि में जन्मे, भगत सिंह दुश्मनों से हमें बचाने के … Read more

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