लोकन बुढ़िया-नरेंद्र कुमार कुलमित्र

लोकन बुढ़िया स्कूल कैंपस के ठीक सामनेबरगद के नीचेनीचट मैली सूती साड़ी पहनीमुर्रा ज्वार जोंधरी के लाड़ूऔर मौसमी फल इमली बिही बेर बेचतीवह लोकन बुढ़ियाआज भी याद है मुझे उस अकेली बुढ़िया कोस्कूल के हम सब बच्चे जानते थेमगर आश्चर्य तो यह हैउस बुढ़िया की धुंधली आंखेंहम सबको पहचानती थीहम सबका नाम जानती थी उसकी … Read more