सुरों की मल्लिका लता जी – जगदीश कौर

सुरों की मल्लिका लता जी- जगदीश कौर कहाँ गई वो सुरों की मल्लिकाकहाँ गई वो मधुर सी कोकिलाजिसके सुरों के जादू से सारा हिंदूस्तां था फूलों सा खिला। छेड़ती थी जब सुरों की तान मंद -मुग्ध हो जाता हिन्दूस्तानतेरे गुनगुनाएं गीतों सेऊर्जा से भरता नौजवान।। बस गई थी सभी के दिलों मेंभारत की यह लाडली … Read more

गांधी जी के विचार – जगदीश कौर प्रयागराज

गांधी जी के विचार – जगदीश कौर प्रयागराज गांधी तेरे विचारों की फिर जरूरत है ।सत्य, अंहिसा, रामराज्य की हसरत है। मानव को मानव का दर्जा मिल जाए ।मंहगाई में सबका खर्चा चल जाए।इंसानियत न बिके सरेआम बाजारों में ।पढा लिखा वर्ग न खडा हो हजारों में।अब फिर से अंहिसा का दे आ पाठ पढ़ा … Read more