महिला दिवस पर कविता

बेखबर स्त्रियां स्त्रियों के सौंदर्य काअलंकृत भाषा मेंनख से शिख तक मांसल चित्रण किए गएश्रृंगार रस में डूबेसौंदर्य प्रेमी पुरुषों ने जोर-जोर से तालियां बजाईमगर तालियों की अनुगूंज मेंस्त्रियों की चित्कारकभी नहीं सुनी गईं कविताओं में स्त्रियांखूब पढ़ी गई और खूब सुनी गईमगर आदि काल से अब तककविताओं से बाहरयथार्थ के धरातल परस्त्रियां ना तो … Read more

अहिल्या (खण्डकाव्य)- सुकमोती चौहान रुचि

इंद्र के गलती की वजह ऋषि गौतम ने माता अहिल्या शाप देकर पत्थर बना दिया। कालांतर में प्रभु श्रीराम के चरणस्पर्श द्वारा वे पुन: स्त्री बनी।

महारानी दुर्गावती बलिदान दिवस कविता

महारानी दुर्गावती बलिदान दिवस कविता महारानी दुर्गावती अबला नहीं,वो तो सबला थी।महारानी तो गोंड़वाना से निकली हुई ज्वाला थी।। चंदेलों की बेटी थी,गोंड़वाना की महारानी थी।चंडी थी,रनचंडी थी,वह दुर्गावती महारानी थी।। अकबर के विस्तारवादी साम्राज्य के चुनौती थी।गढ़ मंडला के राजा दलपत शाह के धर्म पत्नी थी।। महारानी दुर्गावती साहस, वीरता की बलिदानी थी। प्रजा … Read more