माखनलाल चतुर्वेदी की १० सर्वश्रेष्ठ कवितायेँ

दीप से दीप जले / माखनलाल चतुर्वेदी सुलग-सुलग री जोत दीप से दीप मिलेंकर-कंकण बज उठे, भूमि पर प्राण फलें। लक्ष्मी खेतों फली अटल वीराने मेंलक्ष्मी बँट-बँट बढ़ती आने-जाने मेंलक्ष्मी…

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