*टूटा हुआ मन पर आधारित
मन पर कविता -शशिकला कठोलिया
मन पर कविता रे मेरे मन ,ये तू क्या कर रहा है ,जो तेरा नहीं उसके लिए तू क्यों रो रहा है? दफन कर दे अपने सीने में, अरमानों को ,जो सागर की लहरों की तरह, हिलोरे ले रहा है ,यादों को आंखों में संजोकर रख, जो नदी की धारा की तरह ,बहे जा रहा है ,रे मेरे मन,मत पाल अरमान दिल … Read more