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नशा नर्क का द्वार है – बाबूराम सिंह
हिंदी कविता - नशा नर्क का द्वार है मानव आहार के विरूध्द मांसाहार सुरा,बिडी़ ,सिगरेट, सुर्ती नशा सब बेकार है।नहीं प्राणवान है महान मानव योनि में वो,जिसको लोभ ,काम,कृपणता से…
मादक द्रव्य के व्यवहार से उत्पन्न होनेवाली दशा को हम नशा कह सकते हैं. विशेष—शराब, भाँग, गाँजा, अफीम आदि एक प्रकार के नशा हैं । नशा के व्यवहार से शरीर में एक प्रकार की गरमी उत्पन्न होती है जिससे मनुष्य का दिमाग उत्तेजित हो उठता है, तथा स्मृति (याद) या धारणा कम हो जाती है । इसी दशा को नशा कहते हैं .