Tag: योग पर कविता
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योग पर दोहे
योग पर दोहे योग क्रिया तन को करें,अतुल परम बलवान।इसके पुण्य प्रभाव से,मिटते छल अभिमान।। चरक पतंजलि ने दिया,हमको अनुपम योग।दूर करें तन से…
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करो योग रहो निरोग – बाबूराम सिंह
करो योग रहो निरोग योग जगत का सार है,सदगुण लिए हजार।इसकी महिमा से सदा,सुख पावत संसार।।योग सनातन है महा ,दूर करे सब रोग।सुख पाते जिससे…