जनचेतना दिवश पर कविता
करोना काल में लोग किस तरह से परेशान हुए जनता की वेदना को महसूस किया गया और उसको कविता के रूप में लिखा गया है यह मौलिक अप्रक्षित रचना मेरे द्वारा लिखी गयी है |
करोना काल में लोग किस तरह से परेशान हुए जनता की वेदना को महसूस किया गया और उसको कविता के रूप में लिखा गया है यह मौलिक अप्रक्षित रचना मेरे द्वारा लिखी गयी है |
सुशान्त सिंह राजपूत की आत्महत्या पर केन्द्रित लेख
नारी पर दोहे ★★★★नारी की यशगान हो ,नारी की ही रूप ।नारी के सहयोग से,मिलते लक्ष्य अनुप।। नारी बिन कब पूर्ण है?एक सुखी परिवार।नारी जो सुरभित रहे, सुखी रहे संसार।। जग में जो करता नहीं , नारी का सम्मान।कहलाये वह…