हम भी दीवाने और तुम भी दीवाने
हम भी दीवाने और तुम भी दीवानेइश्क में हो गये हम दीवानेइश्क में हो गये हम वीरानेइश्क में दौलत क्या है…
कविता
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर 0शादाब अली ‘हादी’ के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .