Tag #शादाब अली ‘हादी’

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर 0शादाब अली ‘हादी’ के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

हम भी दीवाने और तुम भी दीवाने

हम भी दीवाने और तुम भी दीवाने इश्क में हो गये हम दीवानेइश्क में हो गये हम वीरानेइश्क में दौलत क्या है ?इसमें लुट गये सारे खजानेइश्क में हो गये हम दीवानेहम भी दीवाने और तुम भी दीवाने।। शीरीं भी…

जिंदगी में बहुत काम आती है यह छत

जिंदगी में बहुत काम आती है यह छत नीचे होता हूँ तो साया बनके सुलाती हैयह छत।ऊपर होता हूँ तो खुले आसमां की सैरकराती है यह छत।नीचे होता हूँ तो छाँव बन जाती है यह छतऊपर चढ़ जाऊँ तो जमीं…