सोहनलाल द्विवेदी की लोकप्रिय कवितायेँ
जी होता चिड़िया बन जाऊँ / सोहनलाल द्विवेदी जी होता, चिड़िया बन जाऊँ!मैं नभ में उड़कर सुख पाऊँ! मैं फुदक-फुदककर डाली पर,डोलूँ तरु की हरियाली पर,फिर कुतर-कुतरकर फल खाऊँ!जी होता चिड़िया बन जाऊँ! कितना अच्छा इनका जीवन?आज़ाद सदा इनका तन-मन!मैं भी इन-सा गाना गाऊँ!जी होता, चिड़िया बन जाऊँ! जंगल-जंगल में उड़ विचरूँ,पर्वत घाटी की सैर … Read more