सुमित्रानंदन पंत की १० सर्वश्रेष्ठ कवितायेँ

परिवर्तन / सुमित्रानंदन पंत (१)अहे निष्ठुर परिवर्तन!तुम्हारा ही तांडव नर्तनविश्व का करुण विवर्तन!तुम्हारा ही नयनोन्मीलन,निखिल उत्थान, पतन!अहे वासुकि सहस्र फन!लक्ष्य अलक्षित चरण तुम्हारे चिन्ह निरंतरछोड़ रहे हैं जग के विक्षत वक्षस्थल पर !शत-शत फेनोच्छ्वासित,स्फीत फुतकार भयंकरघुमा रहे हैं घनाकार जगती का अंबर !मृत्यु तुम्हारा गरल दंत, कंचुक कल्पान्तर ,अखिल विश्व की विवरवक्र कुंडलदिग्मंडल ! (२)आज कहां वह पूर्ण-पुरातन, … Read more