कूट अकबर के|तेजल छंद (वाचिक) – बाबूलाल शर्मा

कूट अकबर के|तेजल छंद (वाचिक) – बाबूलाल शर्मा वर्णिक- तगण मगण, यगण यगण तगण गुरुमापनी- २२१ २२२, १२२ १२२ २२१ २ . 🌛 *…कूट अकबर के* 🌜 . *१*माने नहीं राणा, हठीला थकित हो टोडर गया।हे शाह माना वह, नहीं वह हठी है राणा नया।अकबर हुआ कुंठित, विकारी निराशा मन में बहे।मेरा महा शासन, उदयपुर … Read more