Month January 2023

ईश्वर पर कविता

ईश्वर (विधाता छंद ) पहाड़ों को, घटाओं को, हवाओं को बनाया है गगन के थाल को जिसने सितारों से सजाया है धरा की गोद में कानन सघन उपवन बसाया है मेरे ईश्वर की महिमा है! मेरे ईश्वर की माया है…

jai durga maa

जय माँ दुर्गे तुम्हें प्रणाम /रमेश

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं। शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया…

shri Krishna

श्रीकृष्ण जय कृष्ण हरे मुरारी

श्रीकृष्ण जय कृष्ण हरे मुरारी जय गोपी बल्लभ कुञ्ज बिहारी 1 नन्द यशोदा की छवि प्यारीगोकुल धाम की महिमा न्यारीनाम तुम्हारा कृष्ण मुरारीमाधव गिरिधारी त्रिपुरारी श्रीकृष्ण जय कृष्ण हरे मुरारीजय गोपी बल्लभ कुञ्ज बिहारी 2 कारागार का खोला तालायमुना की…

Jai Sri Ram kavitabahar

अधर जपे यह आठो याम श्री राम / रमेश कवल

राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया। अधर जपे…

जय शिव शम्भू कृपा करो

जय शिव शम्भू कृपा करो जय शिव शम्भू कृपा करो हम भक्तन के क्लेश हरो जय शिव जय शिव ॐ नम: ॐ नम: जय शिव जय शिव 1 पर्वत पर हरियाली तुम से सागर में खुशहाली तुम से गंगा हैं…

जय गणपति जय जय गणनायक

गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से…

जय हनुमान तुम्हारा वंदन

जय हनुमान शक्तिपुंज ! सब विघ्न विनाशक रामदूत वैभव सुखदायक संकट-मोचक मारुति-नंदन जय हनुमान तुम्हारा वंदन 1 हे कपीश बुध्दिबल स्वामी अंजनि तनय पवनसुत नामी गुणसागर सुखपर्वत धामी जय हनुमान तुम्हारा वंदन 2 हे बजरंग ज्ञान के बादल बरस जाओ…

आम जन की हालात पर कविता – विनोद सिल्ला

खप-खप मरता आमजन खप-खप मरता आमजन, मौज उड़ाते सेठ।शीतकाल में ठिठुरता, बहे पसीना जेठ।। खून-पसीना बह रहा, कर्मठ करता कार।परजीवी का ही चला, लाखों का व्यापार।। कमा-कमा कर रह गया, मजदूरों का हाथ।पूंजी ने फिर भी किया, सेठों का ही…

शिव जी पर कविता – हरीश बिष्ट

शिव जी पर कविता शिवशंकर के चरणों में सब, नित-नित शीश नवाते हैं |नीलकंठ भोलेबाबा की, प्रतिपल महिमा गाते हैं ||दूध-नीर अरु बेलपत्र सब, शिव के शीश चढाते हैं |महादेव,गणनाथ, स्वरमयी, सेवा भाव जगाते हैं ||भक्तों की भक्ती से खुश…

निर्धन पर अत्याचार – उपमेंद्र सक्सेना

आज यहाँ निर्धन का भोजन, छीन रहा धनवान हैहड़प रहा क्यों राशन उनका, यह कैसा इंसान है। हमने देखा नंगे भूखे, राशन कार्ड बिना रहते हैंहाय व्यवस्था की कमजोरी, जिसको बेचारे सहते हैंजिसने उनका मुँह खोला है, वह खुद उनका…