मनोरमा चंद्रा के दोहे
मनोरमा चंद्रा के दोहे मिथ्या मिथ्या बातें छोड़कर, सत्य वचन नित बोल।दुनिया भर में यश बढ़े, बनें जगत अनमोल ।। अपने मन में ठान कर, मिथ्या का कर त्याग।जीवन कटे शुकून से, समय साथ लो जाग।। सत्य झूठ में भेद अति, करलो सच पहचान।जीवन में हो सत्यता, बनो श्रेष्ठ इंसान।। झूठा बनकर सामने, खड़ा हुआ … Read more