9 नवम्बर राष्ट्रीय क़ानूनी साक्षरता दिवस पर कविता

9 नवम्बर राष्ट्रीय क़ानूनी साक्षरता दिवस

अन्याय जब हद से बढ़ जाए ,
बेईमानी सर पे चढ़ जाए ।
समाज में निज मान पाने को
जो अपने हक पे लड़ जाए ।
आज है जिसकी आवश्यकता ,
वो है, वो है कानूनी साक्षरता ।।
न्याय सभी के लिए, चाहे अज्ञानी निर्धन ।
बिन इसके कैसे ? हो सुरक्षित जनजीवन ।
सही न्याय मिले,शीघ्र न्याय मिले ,
आज विकसित हो जिससे मानवता ।
वो है, वो है कानूनी साक्षरता ।।
कानून के आंखे फैसला करें समभाव से ।
निष्पक्षता बनी रहे निर्णय ना हो दबाव से ।
लोक अदालत हो ,सच्चा वकालत हो ,
असहाय को जो देगी, शीघ्र सहायता।
वो है, वो है कानूनी साक्षरता ।।
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 मनीभाई ‘नवरत्न’, छत्तीसगढ़

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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  1. Priya Boora

    Very nice 👍👍👍

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