दुर्गा का निरूपण सिंह पर सवार एक देवी के रूप में की जाती है। दुर्गा देवी आठ भुजाओं से युक्त हैं जिन सभी में कोई न कोई शस्त्रास्त्र होते है। उन्होने महिषासुर नामक असुर का वध किया। महिषासुर (भैंसा जैसा असुर) करतीं हैं। हिन्दू ग्रन्थों में वे शिव की पत्नी दुर्गा के रूप में वर्णित हैं। इन्ही दुर्गा माँ पर कविता बहार की एक छोटी सी कविता –

स्त्री शक्ति प्रतिमूर्ति – साधना मिश्रा
स्त्री,
शक्ति प्रतिमूर्ति,
विविध रूप धरती ;
सदा सम्मान,
दीजिये!
वाणी,
हंसवाहिनी वीणापाणी,
ज्ञान- दान करती;
भक्ति – भाव,
पूजिये!
रमा,
पद्मप्रिया पद्मा,
स्वर्ण धन बरसाती;
संपदा – सिंधु,
भिंजिये!
गिरिजा,
शिवप्रिया गिरिसुता,
सतित्व धर्म सिखाती;
सदा उर,
धरिये!
सीता,
सौम्य सरलता,
धैर्य – धारण कराती;
सहन – शक्ति,
लीजिये!
राधिका,
कृष्ण आराधिका,
प्रीत – पथ दिखाती ;
प्रणय प्रणयन,
कीजिये!
साधना मिश्रा, रायगढ़- छत्तीसगढ़