मनीभाई नवरत्न की रोमांचित गीत
प्यार मेरा तेरे लिए…
प्यार मेरा तेरे लिए, तेरे लिए मेरा प्यार ।
सबसे जुदा हसीन सबसे जुदा ।
तुझ पर जानिसार ।
तुझ पर जानिसार . मेरे यार मेरे यार. कदमों में तेरी पलके बिछा दूं।
तू जो कहे तो खुद को सजा दूं ।
मिट जाऊ तेरे लिए
आजमा ले हू तैयार।
तुझ पर जानिसार । तुझ पर जानिसार . मेरे यार मेरे यार.
– मनीभाई नवरत्न
क्यों ना सुने हम दिल की
दिल जो प्यार कर बैठा
तो क्यों ना सुने हम दिल की .
हुई जिंदगी में पहली दफा
तो क्यों ना सुने हम दिल की।
दिल तो अपना दिल है गैर नहीं ।
किस्मत आज अपनी है वक्त ये सही।
आशिकी जैसे हुई हालात
तो क्यों ना सुने हम दिल की ।
हुई जिंदगी में पहली दफा
तो क्यों ना सुने हम दिल की।
इस दिल के किस्से सुने लाखों मगर
अपना भी किस्सा बने हो जाए अगर।
दिल अपना झूम रहा जैसे बारात ।
तो क्यों ना सुने हम दिल की ।।
हुई जिंदगी में पहली दफा
तो क्यों ना सुने हम दिल की।
- मनीभाई नवरत्न
महबूब से मिलने की तमन्ना
महबूब से मिलने की तमन्ना।
हर पल जिसके लिए जीना।
चुपके से उसके कानों में ।
दिल की हर बातें सुनाना।
आज कहेंगे उनसे , दिल की छुपी बात।
राह देखेंगे फिर चाहे, दे ना अपनी हाथ ।
अब एक भी बात उसने ना छिपाना ।।
कहते ही दिल की बात आंखो में उनके आंसू आए।
मुझको डर लगा शायद मेरी बातें दिल दुखाए।।
ना कर सकूं मैं जिनसे आंख मिलाना।।
मैं तो वही करता हूं जो दिल को अच्छी लगे।
है बातें ना छुपाना किसी से यह मुझे सच्ची लगे ।
प्यार में हो गया पागल दीवाना ।।
सांसो से पता ना चले, मुख से ना वह बोल सकें।
शर्म से नजरें झुके मंजूरी से सिर डुले।
सनम पूरे हो गए हैं मेरे सपना।।
हां करके तू चली गई शाम भी ढल गई ।
चैन मेरा छूटा दिल मेरा टूटा जब तू खो गई।
धड़ के अब तो गम से मेरा सीना।।
खबर तेरी जब आई हो चुकी तू मुझसे जुदाई ।
कर दी क्यों जानम हां करके भी बेवफाई ।।
अब ना किसी को दिल में बसाना ।
महबूब से मिलने की तमन्ना
-मनीभाई नवरत्न
गैर पर हो जाए बैर
गैर पर हो जाए बैर।
अपने ना हो गैर ।
जान ले ओ मेरे यारा हो जाए ना देर ।
(अपने तो हैं अपने अपने के सपने सब अपने)
घर का तू है हिस्सा, घर से जुड़ी है हर किस्सा।
फिर क्यों नाराज है अपनों से थूँक दे तेरी गुस्सा ।
वरना जान ले ,ना होगी तेरी खैर।।
बह चला है तू किस ओर ?
तोड़ चला है तू ममता की डोर ।
आजा फिर उसी गली में
बिठा ना दिल में चोर ।।
कहना मान ले रोक ले अपने पैर ।।
धोखा है उस पार, मौका है इस पार।
लौट आ मेरे यार, सुन ले मेरी पुकार।
बिछा दूंगा तेरे लिए खुशियों का ढेर ।।
(सुनी हो जाए ना घर तेरे बगैर)
लिरिक्स : मनीभाई नवरत्न
चाहा है तुमको यह बात मेरी मान
चाहा है तुमको यह बात मेरी मान ।
हो सके तो माफ करना मेरी जान ।
पहली बार मिला था जब तुम थे सोई ।
तब से तुमने मुझ पर प्यार की बीज बोई ।
जब मैं सोता हूं तब दिल हो जाता बेचैन ।
जब तुम सामने आती तो देख ना पाती नैन।
तुमको देखा तो मैंने यह जाना ।
तुम हो सबसे सुंदर मैंने ये माना ।
दिल धक धक करता है तुम्हारी यादों में ।
जब मैं तुम्हें देखूं लगता है तुम बाहों में ।
चाहा है तुम को यह बात मेरी मान।।
-मनीभाई नवरत्न
मेरा जो सनम है बड़ा बेरहम है
मेरा जो सनम है ,बड़ा बेरहम है।
सब कुछ लुटाया मैंने; फिर भी कम है ।
मेरा जो सनम है ,तोड़े हर कसम है ।
प्यार में छोड़ गया वो, फिर काहे दम है ।
तेरे लिए शाम भी मेरे यार ।
तेरे लिए जान भी मेरे यार ।
झूठ है ,मत खा ऐसे कसम ,
समझ लिया मैंने तेरा प्यार ।।
तुझे हुआ है धोखा ,तूने है जो सोचा ,सब भरम है ।
डेट की बातें करके ,हमको वेट कराते हो ।
ऐसे कोई शाम नहीं जो ना लेट आते हो ।।
तेरे लिए हर पल, तेरा है हर कल ,
फिर यह मत बोलना ,इतना क्यों कमाते हो?
तेरे संग रहूं ,तुमसे यह कहूं, आंखें जो तेरी नम है ।।
छोड़ो मुझे तुम ,बेहाल रहने दो ।
आंखें जो तरसे थे इनको बहने दो ।
तेरे लिए हो आंसू ,मेरे लिए ये मोती ।
फकीर ना हो जाऊं हम को ये चुनने दो।
तेरे इन्हीं बातों पे, इन्ही ख्यालातों पे
आए तेरे गली ,मेरे कदम हैं।
-मनीभाई नवरत्न
चोरी चोरी इस दिल में आई
चोरी चोरी इस दिल में आई ।
हमको पता ना चल सका।
आके मेरे तू दिल में समाई ।
हमको पता ना चल सका।
दिल में समा के धड़कन बढ़ाके दिल को चुराई।
हम को पता ना चल सका।
चलती है जैसे पवन, बहती है जैसे जल ।
तेरे छू लेने से ही, हुई दिल में हलचल ।।
आज मौसम कुछ कह रहे हमें ।
हम को ना पता चल सका ।।
मुरझाती है जैसे फूल, जम जाती है जैसे धूल।
तोड़ देना ना तुम ,प्यार की सारे उसूल।
आज धड़कन कुछ कह रहे हैं हमें ।
हम को ना पता चला ।।
चोरी चोरी इस दिल में आई
–मनीभाई नवरत्न
तुझे देखा तो ना जाने
तुझे देखा तो ना जाने ,मुझे क्या होने लगा है ?
बरसों से जिसकी चाहत थी,हमें वो होने लगा है ?
तनहाई के सागर में
डूबने को थी कश्ती हमारी ।
तेरा सहारा मिला हमें
लौटा दी तूने मस्ती सारी ।।
तेरे आस से लौटा साहस
फिर पतवार खोने लगा है।
दुनिया के लिए मर चुका था
अबके जीवन है तुम्हारी।
कल के जीवन से बेहतर है
अबकी जीवन है प्यारी ।।
यम की दर से लौटाया तूने,
अंसुवन मेरे ,चरण तेरे धोने लगा है ।।
तूने देखा तो…..
मनीभाई नवरत्न
बारिश की झड़ी बदन पर पड़ी
बारिश की झड़ी ,बदन पर पड़ी ।
छा गई ताजगी छाने लगी दीवानगी।
आने लगी याद पिया । ऐ बारिश !तूने क्या किया ?
याद उन्हें हम करते ,आंखों में आती नमी ।
रब से दुआ यही करते,घ भूल जाएं उसकी छवि ।
पर होती ना कभी छवि धुंधली , वह दिखे सामने खड़ी ।।
बारिश की झड़ी …
पत्थरों में बने हुए कोयले से बनी चित्रें।
है प्यार की निशानी, उभारती हमारे रिश्ते ।
ये रिश्ते सदा लिए इनके रंग ना कभी उड़ी।।
बारिश की झड़ी …
मरते थे एक दूजे के लिए , भूल ना सकती मुझे वो।
मुझसे ज्यादा जानती मेरी बातें, पर छोड़ गई मुझे वो।
पर भुला ना मैं जुदाई , जिसकी पीर हर दिन बढ़ी ।।
बारिश की झड़ी…..
मनीभाई नवरत्न
राहों में खड़े हैं तेरा इंतजार है
राहों में खड़े हैं ,तेरा इंतजार है ।
तुझको क्या बताएं ,हमें कितना प्यार है ?
क्या हाल कर दिया तूने मेरा ।
छाने लगी है बस तेरा चेहरा ।
कभी तो जान जाओ मेरा प्यार गहरा।
कभी तो मिलने आओ आशिकों का डेरा ।
काबू नहीं है खुद पर काबू नहीं है ,
तू मेरे जिया से खेले, लागू नहीं है ।
आवारा नहीं है ये आशिक आवारा नहीं है।
तेरे सिवा नजरों में नजारा नहीं है ।
तेरा ही तो है मेरे दिल में बसेरा ।
कभी तो मिलने आओ आशिकों का डेरा ।
रोष नहीं है तुझसे रोष नहीं है ।
मेरे प्यार का तुझे होश नहीं है।
सहारा नहीं है बाहों का सहारा नहीं है ,
तुम मिल लम्हों का गुजारा नहीं है।
तेरे आने का इंतजार रहे हर सवेरा।
कभी तो मिलने आओ आशिक़ों का डेरा।।
-मनीभाई नवरत्न
बेदर्द जमाने तू क्या जाने
बेदर्द जमाने तू क्या जाने ?
तू क्या जाने ? तू न जाने मन में प्रेम जगाने ।।
होती कैसी इश्क का उफान ?
होती कैसी दिल का फरमान ?
तू न जाने मन में प्रेम जगाने ।।
बेदर्द जमाने ….
ऐ जब तू सोती ,दीवाने जगते हैं।
आंखों में बस प्रेम के ख्वाब बसते हैं।
जलते हैं खुद से चाहत के परवाने ।
बेदर्द जमाने ….
चलता है तू राहों में अपनी खुशी के लिए ।
अपनी खुशी तो बस अपने दिलबर के लिए ।
आया फिर भी तू देखो प्यार जताने ।
बेदर्द जमाने ….
तू रहता है, ऊंची नीची मंजिल में।
हम रहते हैं एक दूजे के दिल में ।
बूनते हैं सारी रात मोहब्बत के अफसाने ।
बेदर्द जमाने….
🖋मनीभाई नवरत्न
ये सफ़र प्यार का सुहाना
ये सफ़र प्यार का सुहाना,
मरते दम तक प्यार को निभाना।
रोक ले चाहे हमको जमाना,
दिलबर से अब दिल है लगाना ।
अब सह न सकूं एक पल जुदाई ,
सनम से जो है दिल लगाई ।
सीधी सादी सच्ची है जानेमन ,
जिनसे करना नहीं हमको बेवफाई ।
प्यार में सब कुछ कर जाना
पिया के हैं जो प्रेम में दीवाना ।।
प्यार है एक तो जादू
दिल हो जाता बेकाबू ।
प्यार से सामना कर सके ना कोई
सच्चे मन ही इसमें लागू ।
आज खुशनुमा मौसम में उनको सताना
प्रेमजल से उनके तन को भिगाना ।।
प्यार की एक तू नाजुक कली,
खुशियां भरी आंगन में तुम पली ।
चांदनी से खूबसूरत तुम लली
यही धुन गूंजता अब हर गली ।
अब तो दिल को दिल से मिलाना
प्यार क्या होती सब को दिखाना ।
ये सफ़र प्यार का सुहाना….
मनीभाई नवरत्न
तुम हो मुझसे सुदूर
तुम हो मुझसे सुदूर ,पर मन में तेरा सुरूर ।
ओ बेवफा ओ मगरूर ,बन गई हो मेरा गुरुर।
तुम्हें क्या बताएं ,कैसे समझाएं, पास भी तो नहीं हो।
तुम हो अगर खफा तो मनाए पर उदास भी तो नहीं हो।
खत तुम्हें भेजता हूं होके मजबूर ।
तुम भी खत भेजना मेरा प्यार होता हो जो मंजूर ।।
जब सहता हूं मैं जुदाई तुम ही तुम याद आती हो ।
जब सुनता हूं मैं शहनाई तुम ही तुम मुझको भाती हो।
कहीं देखी नहीं आंखों में ऐसा नूर ।
मुझमें मिल जाओ ए मेरे हुजूर ।।
तुम हो मुझसे…
मनीभाई नवरत्न
उग आई है दिलों में प्यार के बीज
उग आई है दिलों में प्यार के बीज।
प्रेमी तेरे नैनों की पानी से सींच ।
ताकि बढ़ जाए प्यार की यह बेल ।
और फल लाए रिश्तो का मेल ।
यूं ना तू अपने आंखों को मींच।
प्रेमी तेरे नैनों की पानी से सींच।।
तरस रहा हूं प्यार को मैं ।
यार को मैं दिलदार को मैं ।
बरस रहा हूं खामोशी से मैं ।
हंसी से मैं खुशी से मैं ।
मेरे हाल से तू हाल मिलाना सीख।
प्रेमी तेरे नैनों की पानी से सींच।।
रिश्ता रहेगा मेरा तेरे आहों से ।
तेरी निगाहों से तेरी राहों से ।
मिलता रहूंगा सदा ,चाहे प्यार दे ।
चाहे करार दे चाहे बेक़रार दे ।
कभी ना कभी तो ,जानेगी मैं हूं क्या चीज़?
प्रेमी तेरे……
- मनीभाई नवरत्न
तेरे दिल में मेरा प्यार बसाले
तेरे दिल में मेरा प्यार बसाले ।
तेरे नैनो में मेरा दीदार बसाले ।
सुनी अगर हो तुम्हारी बाहें,
तो मुझे गले का हार बना ले ।
कुछ भी ना कर सोनिए ,
मुझे नहीं होना तुमसे जुदा ।
तू ही मेरा दिलबर मेरा सनम मेरी खुदा ।
और तुमसे क्या कहूं आकर के मेरी रूह में ।
अपना अधिकार जमा ले ।।
आप के आगोश में आए जब से
जीने का मकसद मिला है ।
कल तक था जो सुखी दरिया
उसमें फूल खिला है ।
अब तुम चाहो तो मेरे सुनापन को
फिर से महका दे।।
तेरे दिल में….
तेरी मुस्कान ले गई रे जान
तेरी मुस्कान ले गई रे जान।
तुझे पाने को गोरी ,
क्यों ना हो दिल में अरमान।
यह लाल दुपट्टा तेरे सर से अटका।
तेरी इन अदाओं से दिल को लगे झटका।
प्यार की इकरार को थम जाता है दो जुबान।।
तेरी गाल को चुमूँ , होठों के लाल छू लूं।
तुझको मैं हसीना अब कैसे भूलूं ।
तुझसे मिला कर खुदा भी मुझ पर मेहरबान ।
तेरी मुस्कान….
दिल में किसने मारा हथोड़ा -मनीभाई नवरत्न
दिल में किसी ने मारा हथोड़ा ।
और इसे चकनाचूर करके छोड़ा।
हर किसी ने रूख इससे मोड़ा ।
सबसे दूर करके तनहा छोड़ा।
पागल बना देती है यह दुनिया, जो जुदा हो साथी ।
दिल घायल हो जाती है , जो खफा हो साथी।
घुट रहा दिल इस तरह जैसे किसी ने इसका गर्दन मरोड़ा।
बातें अब तो खुद से करने लगी है जैसे दिल बावला हो ।
डगमगा कर चलने लगी है जैसे कोई मतवाला हो. ।
शीशा समझ के इसे किसी ने, हाय पत्थर से तोड़ा।।
मनीभाई नवरत्न
आ भी जा रे मेरे दिल
आ भी जा ,आ भी जा ,आ भी जा रे मेरे दिल ।
तुझको पुकारे मेरा दिल ।
आ भी जा ,आ भी जा ,आ भी जा रे मेरे दिल ।
सुनी तुम बिन महफ़िल ।
अब पहले जैसे ना दिन है ,ना पहले जैसे रातें ।
सारा जग मुझे खामोश लगे ,खामोश हर बातें।
मैं जन्मों का प्यासा, प्यास बुझाओ बनके साहिल।।
कोई ना अपना लगता है ,बस तुम ही हमराही ।
फिर भी तू मेरे पास ना आए क्या तुमने है चाही।
मैं राहों से भटका मुझको दिखाओ तुम मेरी मंजिल।।
चोरी चोरी नजर मिली
चोरी चोरी नजर मिली धीरे धीरे असर हुई .
तुझको क्यों ना खबर मिली मुझको मगर हो गई .
तन्हा तन्हा यह मौसम तन्हा हुआ मन .
अब तन्हाई में क्या करें तन्हा हुआ जीवन .
तनहाई का मुझे अब तो डर हुई .
चोरी चोरी नजर मिली …..
प्यार में होश कहां है हम पर तुमसे खामोश कहां हैं .
तू जहां पर हम वहां पर इसमे मेरा दोष कहां है ।
तेरे सूरत से घायल जिगर हुई ।
चोरी चोरी नजर मिली …..
लाखों पाए हमने खुशी पर ना तुझ सा कोई हंसी .
तेरी मुझ पर क्या जादू ओ दिलरुबा ओ हमनशी ।
आंखों से उतर कर तू दिलबर हुई ।
चोरी चोरी नजर मिली ….
आप मेरे पास आ तुझको प्यार दूं .
सच कहता हूं मैं तुझे जिंदगी सवार दूं .
तेरे लिए तो मस्ताना शहर हुई .
चोरी चोरी नजर मिली. ….
उसमें सादगी है उसमें ताजगी है
उसमें सादगी है उसमें ताजगी है ।
वह कर देती मुझे दीवाना उसमें दीवानगी है ।
राहों में जब कदम मिल जाते थे ।
नजर मिल जाती थी दिल मिल जाते थे ।
रातों में जो सितारे खिल जाते थे।
वो आती मिलने और मन खिल जाते थे।
मैं लुटाऊँ उसमे प्यार ऐसा,
मानो मेरी यह अदाएगी है।।
बाहों में जब हम मिल जाते थे ।
गम गल जाते और मरहम मिल जाते थे ।
बागों में जब कलियां खिल जाते थे ।
वह लगते महकने और तन खिल जाते थे ।
मैं मिटाऊं उसमें खुद को ऐसा ,
मानो वह मेरी जिंदगी है।।
यह असर है दोस्ती का तेरा
आती है खुशी, थोक में ,तेरे आने से ।
झरती है हंसी, लबों में, मुस्कुराने से ।
यह असर है ,दोस्ती का तेरा
जो दी है तुने , तुमसे दिल लगाने से ।।
इंतजार रहता है, तेरा सबसे ज्यादा ।
भूलूंगा कैसे अब, तुमसे की वादा ।
कब छुपी है ये प्यार, लाख छुपाने से ।।
यह असर है ,दोस्ती का तेरा
जो दी है तुने , तुमसे दिल लगाने से ।।
गुलाबी गुलाब सा ,तेरे चेहरे की रंगत ।
शराबी हालात सा, पाकर तेरी संगत ।।
अब लगने लगा मुझे, दीवाना हूँ जमाने से।।
यह असर है ,दोस्ती का तेरा
जो दी है तुने , तुमसे दिल लगाने से ।।
दिल मेरा क्यों परेशान है ?
कोई नहीं मेरा यहाँ….2
सुना सुना जहान है…..
दिल मेरा क्यों परेशान है ?
1.
जो थे सपने …वो थे अपने ….
आज वो भी बिखर गया है….
अब जीने की…वजह नहीं……
ख्वाहिशें मेरी, मर गया है……
सांसे मेरी उलझी हुई ….2
जीना मेरा मौत समान है…..
कोई नहीं मेरा यहाँ….
सुना सुना जहान है…..
दिल मेरा क्यों परेशान है ?
2.
कल थे हमारे…. चांद सितारे
आज कहीं वो खो गया है।
बोलूं मैं किससे, राज खोलूँ कैसे
मुझे छोड़ जग, सो गया है।
चाल मेरी बहकी हुई
बुझी बुझी अब ये मुस्कान है….
कोई नहीं मेरा यहाँ….
सुना सुना जहान है…..
दिल मेरा क्यों परेशान है ?
दुख की घड़ियां है दो पल की
दुख की घड़ियां है ,दो पल की।
फिर क्यों तेरी ,आंखें छलकी ।।
याद ना कर ,बातें कल की ….
जाने जां …जाने जां …
जानेजां …जानेजां…
माना दौर है , मुश्किल की ।
आदत नहीं तेरी ,महफिल की ।
मुस्कुरा तो जरा ,ख्वाहिश है दिल की….
जाने जां …जाने जां …
जानेजां …जानेजां…
हम भी तेरे अपने हैं ,साथ कभी न छोडेंगे।
कर ले मेरा एतबार ,रुख ना कभी मोड़ेगे ।
तुझको जो पसंद हो, ऐसा रंग घोलेंगे ।
तुमको जो ना पसंद हो ,ऐसी बात ना बोलेंगे ।
काली रतिया है दो पल की…
फिर आएंगी रातें झिलमिल की ….
याद ना कर ,बातें कल की ….
जाने जां …जाने जां …
जानेजां …जानेजां…
खा रहे हैं ये कसम ,मिलते रहेंगे हर जनम ।
प्यार ना होगा कम ,आंखें भी ना होंगे नम।।
जो तू मेरे पास है ,जिंदगी तो खास है ।
जब तू होती उदास है ,इक पल भी ना रास है ।
रास्ते हमारे मिलोंमिल की ….
फिर भी पता मंजिल की ….
मुस्कुरा तो जरा ,ख्वाहिश है दिल की ….
जाने जां …… जाने जां …..
जाने जां …… जाने जां …….
ओ मेरे दिल के हूजूर
हां मैं हूँ ,तुमसे दूर
पर मैं हूँ, बेकसूर ।
मुझे परवाह है तुम सबकी
इसीलिए मैंने ये कदम ली
मुझे बेवफ़ा ना समझना
मैं फर्ज़ से हूँ मजबूर ।
ओ मेरे दिल के हूजूर……..
वादा किया था जो तुमसे
चांद तारे तोड़ लाऊंगा ।
दुनिया भर की खुशी को
तेरे कदमों में बिछाऊंगा ।
तू भूल गई है शायद सब
पर मैं ना अब तक भूला हूं ….
मुझे बेवफ़ा ना समझना
मैं फर्ज़ से हूँ मजबूर ।
ओ मेरे दिल के हूजूर……..
है तू घर की आबरू,
मेरे हृदय की रानी है ।
तेरे सपने हैं अधूरे से ,
कुछ चाहत भी पुरानी है ।
छोड़ो आया हूं मैं ,
कलेजे के टुकड़ों को ।
मेरे हिस्से के प्यार दे देना तू ।
मुझे बेवफ़ा ना समझना
मैं फर्ज़ से हूँ मजबूर ।
ओ मेरे दिल के हूजूर……..
जानूं तुझे तकलीफ होती है ।
पर हमारी तकदीर ऐसी होती है ।
मेरी जिंदगी छोड़ आया तेरे पास
जल्दी से आऊंगा, कर ले विश्वास ।
आस जगाए रखना अपने दिल में ,
नैन बिछाए रखना, है ये आरजू…..
मुझे बेवफ़ा ना समझना
मैं फर्ज़ से हूँ मजबूर ।
ओ मेरे दिल के हूजूर……..
रचना:- मनीभाई
तू जिंदगी बने तू ही दास्तां
जब मैं जागूं ,तुझे पाऊं ।
सात सुरों के गीत सुनाऊं ।
तुझे रिझाऊं, तुझे मनाऊं ।
तुझे रिझाऊं, तुझे मनाऊं ।
हो तुमसे ही वास्ता …
तू जिंदगी बने तू ही दास्तां
तू जिंदगी बने तू ही दास्तां
तू जिंदगी बने तू ही दास्तां
तू जिंदगी बने तू ही दास्तां
मैंने ख्वाहिशें ,अपनी छोड़ दी
जीना मुझे, तेरे ख्वाहिशों में ।
मैंने बंदिशें , सारी तोड़ दी
रहना नहीं ,मुझे बंदिशों में ।
अब एक नजर है ,बस मेरा
तू मंज़िल बने , तू ही रास्ता।।
तू जिंदगी बने तू ही दास्तां
तू जिंदगी बने तू ही दास्तां
तू जिंदगी बने तू ही दास्तां
तू जिंदगी बने तू ही दास्तां
मोहब्बत हुआ है हमको
मोहब्बत हुआ है हमको जरूरत नहीं किसी का ।
शरारत हुआ है हमको इजाजत नहीं किसी का ।
अब तो सुहानी रातें होंगी ।
महबूब से प्यारी बातें होंगी ।
झुकेगी नहीं हमारी प्यार काबिलियत हमारी जोड़ी का
मोहब्बत हुआ है हमको जरूरत नहीं किसी का ।
चैन से बिता सकेंगे अब रात दिन ।
एक पल भी जी ना सकेंगे तेरे बिन।
ऐसे ही प्यार में इजहार हुआ हम दोनों का
मोहब्बत हुआ है….
दिलबर ने दिल से मेरे दिल को आँका है।
मैंने भी इन आँखो से उनके दिल को झाँका है।
अब तो इंतजार है दिलबर से मुलाकात का।
मोहब्बत हुआ है ….
मनीभाई नवरत्न
तेरा प्यार पाके
तेरा प्यार पाके मैंने इस जहां को पा लिया।
अब तो कोई चाह नहीं दिल को सुकून मिल गया।
हां अब कुछ गम नहीं
कोई भी डर नहीं
जब से मिला तेरा आसरा
तब से मैं बेघर नहीं।
यह क्या कम है जो तूने मुझे दे दिया ।
तेरा प्यार पाके ….
आज भी मुझे याद है जब तुम मुझे मिली थी।
जीने की चाह न थी उस दिन ऐसी आग लगी थी।
धीरे-धीरे तूने ही वह आग बुझा दिया ।
तेरा प्यार पाके ….
आप तो जो कहे वही तो करना है ।
कर लो जितना सितम आपके दिल में रहना है ।
तेरे खातिर हर ग़म हंसकर सह लिया।
तेरा प्यार पाके …..
मुझसे कुछ ना बोलो
मुझसे कुछ ना बोलो
राज ए दिल ना खोलो
सब हो रही है बयां इन आंखों से ।
रिश्तो में ना तोलो,
किस्तों में ना मोलो ।
सबसे होती है जुदा हर बातों से।
एहसास प्यार का, पास यार का ।
कब सुबह हुई कब शाम आई।
जब हम मिले जीक्रो मे तेरे नाम आई।
मैं बन गया हूं मतवाला
पी गया हूं तेरे नाम का प्याला।
महक गई यह मंजर सारा का सारा ।
तेरे सांसों से..
बेकरार दिल
बेकरार दिल
बेकरार दिल
बेकरार दिल
तुझे हुआ क्या ?
तुझे देख कर ही ,जिंदगी हुई रंगीन .
दीदार हुआ चांद का, चेहरा तेरा आफरीन .
आफरीन तेरी अदा , आफरीन सबसे जुदा
आफरीन माशा अल्लाह ,आफरीन मेरे खुदा .
बेकरार दिल ….
तेरी खूबसूरती …अब तलक थी मस्तूरी
तू न जाने हिरनी… कहाँ तेरी कस्तूरी ।
बन गई मेरे लिए कल मेरा सजदा मेरा दीन
आफरीन तेरी अदा
जो तुमसे हो गया है प्यार
जिंदगी हर बार आती नहीं ,
यादों में आकर तुम जाती नहीं ।
तुम ना कर जाना इंकार
जो तुमसे हो गया है प्यार ।।
यादों में तेरे मैं हर पल छाया रहता ।
सोचकर मैं तुमको हरदम मुसकाया रहता।
अब तो दिल हो गया बेकरार
जो तुमसे हो गया प्यार ।
पूछो यह तुम मेरे सांसो से।
सुनो ये तुम कहती है लबों से ।
जो बजती कहे तुम्हारी पायल की झंकार ।
जो तुमसे हो गया प्यार ।
अब तो दिल कहता है बार बार ।
जो मिल गया तुमसे यार ।
जुदा नहीं कर पाएंगे कोई ।
कुछ नहीं कर सकेगा हमको संसार ।
जो तुमसे हो गया प्यार ।
जो तुमसे हो गया प्यार ।
रे बदरा
रे बदरा !उड़ चला है किस ओर ?
रे बदरा !खींचे चला है किस डोर ?
मेरे आंसू ले जा नैनों से ,
बरसा दे उन गलियों पे।
जहां छुपा बैठा है दिल का चोर ।
रे सांवरा !आई ना तेरी शोर ।।
रे बदरा!…..
भीगा दे उसे, तेरा रंग गहरा ।
सुध आये छत सा मोरा अंचरा।
पाये ना बैरन कही ठौर।
रे बावरा! रात हुई रे अब भोर।
रे बदरा!…….
छोटी उम्र की मुलाकात
छोटी उम्र की मुलाकात,
याद आती है तेरी बात ।
तुझको ही मैं पुकारूं,
क्या करूं जो तू नहीं है साथ ।
दो पल में ही प्यार हो जाएगा
हमें कब था मालूम ?
जीवन के लम्हे तुम से जुड़ जाएगा
हमें कब था मालूम ?
कब था मालूम छूट जाएंगे हमारे हाथ।
जुदा होकर फिर मिलेंगे
क्या ऐसा होगा?
कदमों के तेरे निशान में चलेंगे
क्या ऐसा होगा ?
क्या ऐसा होगा ,कोई करामात।।
तेरे नैना जब आंसू टपकाती है
तेरे नैना जब आंसू टपकाती है।
ओ दिलरुबा ये आंसू जिगर जलाती हैं।
अब कैसे बताऊं मैं क्यों हूं हैरान ?
याद कर कर के मैं हूं हो गया हूं परेशान।
तेरी खामोशियां ये तन्हाईयां हमको रुलाती है।
ओ दिलरुबा ये आंसू जिगर जलाती है।
कभी यहां तो कभी वहां ।
कभी इस पार तो कभी उस पार ।
ढूंढती तुझको ही मेरे हमसफ़र मेरे दिलदार।
जाने जा तुझसे नज़दीकियां खुशियां दिलाती है।।
ओ दिलरुबा तेरे आसूं जिगर चलाती हैं।।
खो दिया मैंने पाके तुझे
खो दिया मैंने पाके तुझे ।
इस से अच्छा यह होता मिलती ना तू मुझे ।
कोई तरकीब अब ना मुझको सुझे।
इस से अच्छा यह होता मिलती है ना तू मुझे ।
होश मैंने खो दिया ,सुकून मैंने खो दिया।
जोश मैंने खो दिया जुनून मैंने खो दिया ।
खो दिया है मैंने तुझसा कीमती धन ,
अब एक पल भी मुझसे ना रुचे।
गुमसुम हो गए सब ओझल हो गए सब ।
जिंदगी भी पहले से बोझल हो गई अब।
बेआबरू होकर बैठा हूं कोने में
कल क्या हो मेरे साथ कुछ ना कुछ ना बुझे ।।
गोरी तेरा है रंग सुहाना
गोरी तेरा है रंग सुहाना ।
उठने लगी प्यार का तराना ।
कौन हो क्या हो न जाना ।
फिर भी लगे जैसे रिश्ता पुराना।
तेरा रंग तो लगता है ऐसा
जैसा होता है सोने का ।
आंखों से ओझल ना होने दूं
मन नहीं करता तुझे खोने का ।
चोरी चोरी चैन चुराना
मस्ती में मैं मस्ताना ।
गोरी तेरा है रंग सुहाना….
नैनों में काली गाल गुलाबी।
ये रंग भी प्यारे हैं ।
होठों पर है जो शबनमी लाली ।
जिसके लिए दिल हारे हैं।
भाये मुझको तेरी मुस्कुराना ।
सो अब मिलने को करता बहाना ।
गोरी तेरा है रंग सुहाना ….
बहके बहके कदम हैं
बहके बहके कदम हैं बहके हुए हम।
जवानी की इस दौर में दीवाने हुए तेरे हम ।
चंचला है तेरा मन तितलियों की तरह ।
नजरें हैं तेरा सनम बिजलियों की तरह ।
सांसो की सरगम में आ साथ दे जरा ।।
बहके बहके कदम हैं….
ख़ामोशी में क्यों है दिल के झरोखे में आजा।
साथ दूंगा मैं तेरा अपनी हाथ थामा जा ।
डरना नहीं करना सनम तू मेरा ऐतबार ।
बहके बहके कदम है …
जब से तुझे देखा है तब से कुछ ना जाना.
छुप छुप के देखा करता हूं तेरी मुखड़ा सुहाना.
जवां दिलों की तस्वीर है तू सनम .
बहके बहके कदम है …..
दिल तो मेरा यही चाहता है
दिल तो मेरा यही चाहता है ।
तू अपनी हो , रब से यही मांगता है।
तिरछी नजरों से जाने क्या कर दी तूने?
तुझ पर डूबा हूं मैं , चैन खो दिया मैंने।
अकेले में ये आहें भरता है ।
दिल तो मेरा यही चाहता है….
तू सामने होती हर अदा बदलता हूं ।
तेरे करीब मैं न जाने क्यों बहकता हूं ?
यह असर मुझे प्यार का लगता है ।
दिल तो मेरा यही चाहता है …
पास आने में कैसे डरूँ मैं
कोई बतादे कैसे करूं मैं।
सुन ले आंखों की बातें यह कुछ कहता है।
दिल तो मेरा यही चाहता है….
मैं ऩवासाज तू ही मेरा नवाज
कोरे कागज पे करूं,
तारीफों से तेरा साज।
हमराही तू मेरा
तू ही …मेरा नवाज।
रुचता नहीं मुझे
अब कोई काज
जब से बना हूं
मैं नवासाज।
(नवासाज )x3 मैं नवासाज .
तू ही …मेरा नवाज ।
तू ही अब मेरी रोजी
तुझसे ही जुटेगी रोटी
एहसान तेरा मुझ पे..
बस मेरी.. नसीब छोटी।
कभी तो भरेगा ,
दामन खुशियों से
कभी तो करेगी
ये दुनिया नाज .
(नवासाज )x3मैं नवासाज
तू ही मेरा नवाज ।
घड़ी ..मुझसे बोले
काहे, पर ना खोले ।
आंखों में बसे तेरे ,
अंगारे और शोले।
हौंसलों की चाबी
जरा कस ले ..
उम्मीदों से टिकी
है दुनिया आज ।
(नवासाज) x3 मैं नवासाज
तू ही मेरा नवाज।
मनीभाई नवरत्न
खिलते हैं होंठ मगर
खिलते हैं होंठ मगर ,हिलते नहीं।
दिल में है बात मगर कहते नहीं ।
वो बेकरार है जानकर अच्छा लगा ।
मुझसे प्यार है जानकर अच्छा लगा।।
चाहते हैं दिल से मगर , जानते नहीं।।
मुझ पर तेरी अदा हमको सच्चा लगा।
प्यार से मिलाते होंगे खुदा सच्चा लगा ।
तरसते हैं मुझ पर, मगर बरसते नहीं ।।
खिलते हैं होंठ मगर…..
- मनीभाई नवरत्न
बेकरार दिल हुआ बे अख्तियार
कैसा दर्द है ? कैसा एहसास है?
मुझसे दूर है तू लगता फिर भी पास है ।
बेकरार दिल …हुआ बे अख्तियार।
आ जा एक बार ..
तू सुनले पुकार ..।
मेरा मजहब मेरा ईमान मेरा सब कुछ तू ।
मेरा मकसद मेरा इनाम मेरा हूबहू तू।
तू जो मिला मुझे मैं हुआ दीनदार।
बेकरार …
लम्हा लम्हा बीत रहा है तेरे इंतजार में
फांसला भी बढ़ रहा है तेरे तकरार में ।
प्यार में हो गई मेरी यह कैसी हार ।
बेकरार….।
Lyrics By : मनीभाई नवरत्न
तूने भुला दिया यार को कैसी हो दीवानी
तूने भुला दिया यार को कैसी हो दीवानी
तूने भुला दिया यार को ,कैसी हो दीवानी ?
कल जो अपना रहा ,आज हुई वह बेगानी ।
चांदनी …चांदनी ……बन जाओ मेरी रानी।
छोड़ो मनमानी ।।
एक सफर है, एक जहां है, एक ही रास्ता ।
तूने ही जो साथ छोड़ा तो मेरा क्या वास्ता ?
क्या गुनाह रहा जो, कर रही हो बेईमानी ।।
चांदनी…. चांदनी…. बन जाओ मेरी रानी ।
छोड़ो मनमानी ।।
कसमें लिए थे जो रब के सामने।
ना तोड़ो उन कसमों को सबके सामने।।
जानबूझकर बनती हो क्यों अनजानी?
चांदनी …चांदनी ….बन जाओ मेरी रानी ।
छोड़ो मनमानी।।
तूने भुला दिया…..
- मनीभाई नवरत्न
ओ सजनी चली आ मेरे द्वार
मेघ ने गाई है मल्हार ,
सावन की आई है बहार।
रह ना जाये अधूरा मेरा प्यार,
ओ सजनी, चली आ चली आ मेरे द्वार।
कोयल कूके , मन हिलोरे खाये जाये।
बार बार राह निहारुं, अब तो आ जाये।
खबर लूं तेरे, अब तो दरस दें एक बार।
ओ सजनी, चली आ चली आ मेरे द्वार।
बसंत ने मारी पिचकारी, लगा प्रेम का रंग।
चाल मेरी मतवाली हुई, पी गया कैसा भंग।
छोड़ दूं मैं रीत जग की, तोड़ सारी दीवार।
ओ सजनी, चली आ चली आ मेरे द्वार।
- मनीभाई नवरत्न
ओ प्यारी ओ प्यारी
ओ प्यारी , ओ प्यारी
जीत ली तुमने दिल हमारी ।
आ मिलकर प्यार करें हम
देखते रह जाए दुनिया सारी।
ओ प्यारी, ओ प्यारी
ना मैंने किसी से चाहा था ।
ना तुमने किसी से प्यार की।
मैं अभी तक कुंवारा हूं
तू अभी तक है कुंवारी।
ओ प्यारी, ओ प्यारी
चंदन जैसी खुश्बू ,पवित्र है गंगा जैसी तू ।
जिस गली से गुजरेगी वहां की हट जाए महामारी ।
ओ प्यारी, ओ प्यारी
मैं तो अभी तक जवां हूं ,है तू सुंदर कलियों जैसी।
मैं कितना मीठा हूं तू है कितनी खारी ।
आई एम सॉरी ओ प्यारी ओ प्यारी
मेरा दीवानापन कह रहा है
मेरा दीवानापन कह रहा है तुझे ।
ख्वाब सजा दे पलकों में मेरे ।
मेरी बस यही रजा कि तुझे हो रजा
मेरा बसर पर तेरा असर आ रहा है ।
तेरा इश्क है बाअसर मुझे भा रहा है ।
आने लगी मुझे फिर से जीने का मजा ।
मेरी बस मैं यही रजा कि तुझे हो रजा।
मनीभाई नवरत्न
प्यार ही प्यार है
प्यार ही प्यार है …..
इस दिल में तेरे लिए ।
जानेमन मेरी जान है कुर्बान तेरे लिए ।
होश चुराया तुमने ही जानेमन
चैन चुराया तुमने ही जानेमन
आज खा के कसम कहते हैं
दीवाने हुए तेरे सनम।
फूलों की बहार है तेरे लिए।
दुआएं हजार है तेरे लिए ।
प्यार ही प्यार है ….
नफरत ना कर तू दिल में आग लगे ।
प्यासा हूं मैं मुझको तेरा प्यास लगे ।
प्यार में यूं तो अक्सर होता है
जो ना प्यार करे उसका दिल रोता है।
मेरे दिल की पुकार है तेरे लिए
मेरा इंतजार है तेरे लिए।
प्यार ही प्यार है….
इश्क तुझे मेरे साथ ऐसा ना करना था
चैन लिया, दर्द दिया
यादों में आंखे भर दिया .
दो पल ही सही, संग मेरे चलना था ।
इश्क तुझे, मेरे साथ,ऐसा ना करना था।
अभी अभी तो, दोस्ती हुई थी
खुलके मैंने ,बातें ना की थी
बुझ गया दीया ,रोशनी से पहले
उजाले मेरे , रातें ना थी
धुआं धुआं ,मैं हुआ ,अधूरा ना जलना था।
इश्क तुझे मेरे साथ, ऐसा ना करना था।
तुमसे ही तो जीने की वजह मिली थी
तुम ही नहीं तो जीना क्या?
बुझती नहीं प्यास इन आंखो की,
तुम ही नहीं तो ,पीना क्या?
हाथ मेरा थामा क्यों ? जब सफ़र में छोड़ना था।
इश्क तुझे ,मेरे साथ, ऐसा ना करना था।
मुझसे नजरें ना मिला..
तूने मुझे दर्द दिया है।
हां बड़ा बेरहम पिया है।
चला आया , मुंह उठाके
तुमसे मुझे शिकवा गिला
मुझसे नजरें ना मिला…….)×4
देखें तेरे जैसे …आशिकों के रेले
प्यार के बहाने… दिल से जो खेले
हंसी तेरी फरेबी….नजरें भी शराबी
चैन मेरा ले ले…..देके सौ मुश्किलें
तुझे पता कैसे ना होगा,
जानूँ मैं सब लीला…
मुझसे नजरें ना मिला…….)×4
मनीभाई नवरत्न
मांगू तुझे रब से – हिंदी कविता
हर पल हर लम्हा
मांगू तुझे रब से ।
तेरी अदा है नया
लागे जुदा सबसे।।
मांगू तुझे रब से….
कभी तेरी नजर मुझसे मिल जाए।
कभी तेरी डगर मुझ तक आए ।।
इंतजार यही मुझको अब से…
मांगू तुझे रब से…
बदन तेरे ऐसे जैसे कोई सितारा
पहले ना देखी है तुझ सा नजारा ।।
आई है तू परी बन के …
मांगू तुझे रब से…
आजा पिया आजा और ना तरसा
प्यार करता हूं तुझे काफी अरसा ।।
मैं भी चाहूं तुम्हें दिल से …
मांगू तुझे रब से…
मेरा दीवानापन कह रहा है
मेरा दीवानापन कह रहा है तुझे ।
ख्वाब सजा दे पलकों में मेरे ।
मेरी बस यही रजा कि तुझे हो रजा
मेरा बसर पर तेरा असर आ रहा है ।
तेरा इश्क है बाअसर मुझे भा रहा है ।
आने लगी मुझे फिर से जीने का मजा ।
मेरी बस मैं यही रजा कि तुझे हो रजा।
मनीभाई नवरत्न
मैं गलतियों पर गलती करता हूं
मैं गलतियों पर …गलती करता हूं ।
फिर चुपके से छुपकर ..आहें भरता हूं।
ये क्या हो जाता मुझे
समझ में ना आता मुझे
ना जाने क्यों ….मैं ऐसा करता हूं ।
पहले अनजान था अपने गलतियों से ।
सबक सीखा मैंने ये …सिर्फ तुमसे ।
जब तुम उदास होती ,
कुछ भी ना भाता मुझे ।
तेरी बेरुखी बड़ा तड़पाता मुझे।
मैं कैसे कह दूं… मैं तुमको डरता हूं ।
मेरी खामोशियों की जुबान समझो ,
कहता दिल मेरा, मुझे माफ कर दो
मेरे सांसो में तुम ही तुम हो
चाहो तो आजमा कर देख लो
मुझे रहने दे पास तेरे..मैं तुमपे मरता हूं….
मनीभाई नवरत्न
मेरा प्यार है मेरा खुदा
मेरा प्यार है मेरा खुदा ।
पर ना जाने क्यूँ .. तू है खफा।।
हरेक सांस तुम पे फिदा ।
बिन तुमसे ….अब क्या रखा?
माना इश्क है जिंदगी …
हर खुशी आगे इसके बेरंग सी
इश्क़ ना रहे यहां तो, हर पल काटना लगे कोई जंग सी।
मैं ना यहाँ इश्क़ बिन रह सका ।
पर मैं तुम्हें ना कह सका ।
मेरा प्यार है मेरा खुदा
पर ना जाने वो क्यों खफा
हर एक सांस जिस पे फिदा
पर ना जाने वो क्यों खफा
बिन उसके मुझ में .अब क्या रखा
तुझमें बातें ऐसी कितनी खास है
तुझमें बातें ऐसी कितनी खास है ,
जो मेरे दिल के पास है ।।
तुमसे ही सारी खुशी के आस है ,
जो मेरे दिल के पास है ।।
तुमको कैसे बताना, तुमको कैसे समझाना ?
तू मेरी चाहत है ।।
तेरी हंसी में मेरी खुशी है ,इस जिंदगी है,
जिस पर तेरा इनायत है ।।
तुझसे ही मेरे गम का नाश है ।
तुझमें बातें ऐसी खास है…..
आंखों की भाषा से
कह दे सारी बात,जोड़ ले सारे नात।
तेरे अदा पर मरने वाले,
करले मुलाकात, तोड़ ना जज्बात ।।
तुम ही हो दिल पर, हम हुए तेरे दास है ।।
तुझ में बातें ऐसी खास है ….
एक मौका दे मुझको चाहत दिखा दूँ।
प्यार होती है क्या सबको सीखा दूँ।
लिख ले अपने लब्ज पर तुझको पता दूँ।
मेरी हालत हो गई है क्या ?आ तुझे बता दूं ।
बिन तेरे कैसे दिल मेरा उदास है ।
तुझ पर बातें ऐसी कितनी खास है….
- मनीभाई नवरत्न
मेरी जो अरमान है वह कम नहीं
मेरी जो अरमान है वह कम नहीं
मेरे जो अरमान ,पूरे ना हो तो गम नहीं ।।
मेरे अरमान खुशियां दिलाएंगी, यह मुझे ना सताएगी।
कभी तो बुलाएगी मुझे ,इसमें कोई उलझन नहीं ।
हमें बढ़ाना है रोज एक कदम ,
कभी ना पीछे हटेंगे हम ।।
कोई आफत आ जाए फिर भी ना झुकेगे हम ।
जब मन में है दम ,कोई शरम नहीं ।।
कड़ी कड़ी जुड़ने से बनती है, कोई चीज बड़ी ।
समझ ले जो इस पहेली को, सुंदर चीज उसी ने गढ़ी।
तुम चीज बनाओ जमाने को दिखाओ।
दिखाने में कोई बंधन नहीं ।
मंजिल पाने तक ना रहे कोई चैन से
ख्वाब टूटे अगर कुछ गिरे नैन से ।
क्या ऐसा सफर अच्छा है? जिसमें रहो तुम बेचैन से ।
यह बचपन है कोई यौवन नहीं।।
मेरे जो अरमान है ……
मनीभाई नवरत्न
तुम एक अनार हम सौ बीमार
तुम एक अनार ,हम सौ बीमार ।
किसको चाहोगी यार किसको दोगी प्यार ।।
हम एक थैली के चट्टे बट्टे ।
कुछ कुछ मीठें कुछ है खट्टे ।
एक एक की रग जान लो,
फिर करना इकरार ।।
यूं तो एक और एक ग्यारह होते हैं ,
पर इस बात से सब किनारा होते हैं।
कौन होगा सहारा ,करोगी किसको किनारा ,
इसका है इंतजार।।
हां एक हाथ से ताली नहीं बजती,
पर एक म्यान में दो तलवार नहीं रहती।
सबको एक आंख से देखूँ मगर
सबको करूं तकरार ।।
मैं एक अनार तुम सौ बीमार ।
सबको करूं बेकरार सबको करूँ इनकार।।
- मनीभाई “नवरत्न”