ईश्वर पर कविता

ईश्वर (विधाता छंद )

पहाड़ों को, घटाओं को, हवाओं को बनाया है
गगन के थाल को जिसने सितारों से सजाया है
धरा की गोद में कानन सघन उपवन बसाया है
मेरे ईश्वर की महिमा है! मेरे ईश्वर की माया है

2

जहाँ सूरज को शिशु हनुमान ने मुंह मे दबाया है
दिवाकर ने जहाँ करके विनय जीवन बचाया है
जहाँ जग के लिए दिन रात का ठप्पा लगाया है
मेरे ईश्वर की महिमा है! मेरे ईश्वर की माया है

3

समुन्दर पर बड़े जलयान को जिसने चलाया है
जलधि के गर्भ से पनडुब्बियों तक को उठाया है
गगन में बिजलियों की कौंध से जग कसमसाया है
मेरे ईश्वर की महिमा है! मेरे ईश्वर की माया है

4

जिसे काशी ने मथुरा ने अयोध्या ने कमाया है
जिसे शिव ने कन्हैया राम ने मन में जगाया है
जिसे मोदी अमित योगी ने प्रण-गौरव बताया है
मेरे ईश्वर की महिमा है! मेरे ईश्वर की माया है

5

प्रफुल्लित है ह्रदय अपना सनातन धर्म छाया है
नयन ख़ुश हैं कि अब तुष्टिकरण का सर कटाया है
चहुर्दिश राष्ट्र ने दुनिया में रँग अपना जमाया है
मेरे ईश्वर की महिमा है! मेरे ईश्वर की माया है

रमेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *