पहला सुख निरोगी काया
पहला सुख निरोगी काया
पहला सुख निरोगी काया,
दूजा सुख घर में हो माया।
तीजा सुख कुलवंती नारी,
चौथा सुख पुत्र हो आज्ञाकारी।
पंचम सुख स्वदेश में वासा,
छठवा सुख राज हो पासा।
सातवा सुख संतोषी जीवन ,
ऐसा हो तो धन्य हो जीवन।
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पहला सुख निरोगी काया,
दूजा सुख घर में हो माया।
तीजा सुख कुलवंती नारी,
चौथा सुख पुत्र हो आज्ञाकारी।
पंचम सुख स्वदेश में वासा,
छठवा सुख राज हो पासा।
सातवा सुख संतोषी जीवन ,
ऐसा हो तो धन्य हो जीवन।
"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।