दोहे – जगदम्बा महिमा

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवीशक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।]शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है।

durgamata

दोहे “जगदम्बा महिमा”

नवराते हैं चल रहे, करें मात का ध्यान।
सबका बेड़ा पार हो, माता दो वरदान।।

मात हाथ सर पे रखें, बने सभी के काम।
परम सत्य इस विश्व का, माँ अम्बा का नाम।।

सभी उपासक मात के, चलो चलें दरबार।
ध्यान भक्ति मन में धरें, होगा बेड़ा पार।।

रोली अक्षत को चढ़ा, पूजें माँ को आप।
माता दें वरदान तो, मिटे जगत के ताप।।

माता का हम ध्यान धर, देवें कन्या-भोज।
दुर्गा के आशीष से, मिले मात सा ओज।

जगदम्बे वर आप दें, मस्तक ‘बासु’ नवाय।
काव्य रचूँ ऐसा मधुर, जो जग को हर्षाय।।

बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’
तिनसुकिया

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