हे मां शारदे रोशनी दे ज्ञान की

हे मां शारदे रोशनी दे ज्ञान की

हे मां शारदे
रोशनी  दे ज्ञान की
तू  तो ज्ञान का भंडार है
हाथों में वीणा पुस्तक
हंस वाहनी ,कमल धारणी
ओ ममतामयी मां
इतनी कृपा मुझ पर करना
मैं सदाचारी बनूं
सत्य पथ पर ही चलूं
विरोध क्यूं अन्याय का
मुस्किलों में भी न घबराओ


हे मां शारदे
दूर कर अज्ञानता
उर में दया का वास हो
ज्योति से भर दे वसुंधरा
यही मेरी नित्य प्रार्थाना
यही मेरी कामना
यही मेरी वंदना
हे मां मुझे रोशनी दे ज्ञान दे
विद्या विनय का दान दें
हे मां शारदे
हे मां शारदे।।

कालिका प्रसाद सेमवाल
          मानस सदन अपर बाजार
             रूद्रप्रयाग उत्तराखंड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *