CLICK & SUPPORT

आंसू पर कविता

आंसू पर कविता

HINDI KAVITA || हिंदी कविता
HINDI KAVITA || हिंदी कविता

दर्द जब पिघलता है तो
बह आते हैं आँसू
सुख में हों या हो दुख में
रह जाते हैं आँसू

विकट वेदना पीर बहे
आघातों के तीर सहे
कंपित अधरें मौन रहे
गूंगी वाणी व्यथा कहे

सूनी सूनी  पलकों पर
हिमकण जम जाते हैं आँसू

वेदना जब गीत गाती
कोख पीड़ा की भर जाती
विदीर्ण होते हृदय तार
जब आबरू लूट जाती

बोझिल हृदय जीवन व्यर्थ
पर्वत बन जाते हैं आँसू

बूढ़े सपने सच होते
सुख मंजिल ही पथ होते
काँटों से चुने प्रसून 
शोभित विजयी रथ  होते

विस्मित अधरों पर होते
तोरण बन जाते हैं आँसू

सुधा शर्मा
राजिम छत्तीसगढ़
4-1-2019

CLICK & SUPPORT

You might also like