वतन को नमन करता हूँ

वतन को नमन करता हूँ

वतन को नमन करता हूँ भारत माँ की चरण धूलि,चंदन माथे धरता हूँ ।सपूत हूँ नाम वतन के ,जीवन अर्पण करता हूँ । बहता शोणित यूँ रगों में,जलते अंगारों सासिंधु प्रलय सा उठती लहरें,उर में ललकारों कासिंहनाद हूँकारें भरकर,शत्रुओं से नित लड़ता हूँ। माँ की कोख निहाल होतीमाटी का कर्ज चुकाता हूँअस्मिता की रक्षा खातिरप्राणोत्सर्जन … Read more

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बोझ पर कविता

बोझ पर कविता

बोझ पर कविता कभी कभीकलम भी बोझ लगने लगती हैजब शब्द नहीं देते साथअंतरभावों काउमड़ती पीड़ायें दफन हो जातीभीतर कहींउबलता है कुछधधकता हैज्वालामुखी सीविचारों के बवंडरभूकंप सा कंपाते हैमन मस्तिष्क कोऔर सारे तत्वों के बावजूदमन अकेला हो जाता हैउस माँ की तरहजो नौ महीने सहर्षभार ढोती ।उस पिता की तरहजो कंधे और झुकती कमर तकजिम्मेदारी … Read more

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बेटियाँ

बेटियाँ

बेटियाँ बेटियां प्रकृति की देन है,बेटियां देवदूत,देव कन्याएँ है,कोमल इनकी भावनाएँ है,बेटियां अप्सराएँ है,लक्ष्मी, सरस्वती, सावित्री  है।बेटियां अन्नपूर्णा सी उपमाएँबेटियां वेदों सी पवित्र है,बेटियां संस्कारो की धरोहर है,बेटियां नव निर्माण की कल्पनाएँ ,बेटियां  ईश्रवर का लेख है।बेटियां खिलती कलियां है,बेटियां संस्कृति की परिचारक है,बेटियां संस्कारो की धरोहर है,बेटियां ज्ञान की सहस्त्र धाराएं है,बेटियां नव निर्माण … Read more

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मानव जीवन पर कविता – सुधा शर्मा

पिता

मानव जीवन मिल पाता है कभी कभी – सुधा शर्मा जीवन में ऐसा भी वक्त आता है कभी कभीकोई भीड़ में तन्हा हो जाता है कभी कभी सपनों के घरौंदे सारे बिखर जाते हैं स्मृतियों का इक महल बन जाता है कभी कभी कौन कहता है पीड़ाएं तोड़ती  हैं सदा तन्हाई में दर्द दवा बन … Read more

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जीवन पर कविता – सुधा शर्मा

पिता

जीवन में रंग भरने दो – सुधा शर्मा कैसे हो जाता है मन  ऐसी क्रूरता करने को? अपना ही लहू बहा रहे जाने किस सुख वरणे को ? आधुनिक प्रवाह में बहे चाहें जीवन सुख गहे  वासनाओं के ज्वार में यूंअचेतन उमंगित रहे अंश कोख में आते हीविवश क्यों करते मरने को? अंश तुम्हारे शोणित … Read more

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नववर्ष पर हिंदी कविता

कविता संग्रह

इस वर्ष नववर्ष पर कविता बहार द्वारा निम्न हिंदी कविता संकलित की गयी हैं आपको कौन सा अच्छा लगा कमेंट कर जरुर बताएं नववर्ष पर हिंदी कविता : महदीप जँघेल निशिदिन सुख शांति की उषा हो,न शत्रुता, न ही हो लड़ाई।प्रेम दया करुणा का सदभाव रहे,सबको नववर्ष की हार्दिक बधाई। विश्व बंधुत्व की भावना हो … Read more

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माँ दुर्गा पिरामिड कविता

durgamata

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है। माँ दुर्गा पिरामिड कविता माँ!रूपामोहिनीवर दात्रीअरि मर्दनीसंकट हरणीजय जगजननी ।माँनेहउदधिआल्हादिनीसर्वव्यापिनीमंगल करणीसर्व  दुख हरणी ।माँसृष्टाब्रम्हाण्डअतुलितत्रिगुण … Read more

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माँ दुर्गा से संबंधित हाइकु -सुधा शर्मा

durgamata

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।[शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है। माँ दुर्गा से संबंधित हाइकु 1 देवी मंदिर झिलमिलाते जोतलगी कतार 2 भक्तों की … Read more

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विघ्न हरो गणराज-सुधा शर्मा

विघ्न हरो गणराज हे गौरी नंदन हे गणपति,प्रथम पूज्य  महराज। कृपा करो हे नाथ हमारे,विघ्न हरें गण राज।। घना तिमिर है छाया जग में, भटक रहा इंसान।   भूल गया जीवन मूल्यों को ,बना हुआ शैतान।।  हे दुख भँजन आनंददाता,करिए  पूरी आस। रोग दोष सकल दूर करके,हरिए क्लेशविषाद ।। प्रथम पूजनीय हो प्रभू जी,पूजे सब संसार।  … Read more

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विश्व पर्यावरण दिवस पर कविता

विश्व पर्यावरण दिवस पर कविता धानी चुनरी जो पहन,करे हरित श्रृंगार।आज रूप कुरूप हुआ,धरा हुई बेजार।सूना सूना वन हुआ,विटप भये सब ठूंठ।आन पड़ा  संकट विकट,प्रकृति गई है रूठ।।जंगल सभी उजाड़ कर,काट लिए खुद पाँव।पीड़ा में फिर तड़पकर,  ढूंढ रहे हैं छाँव।।अनावृष्टि अतिवृष्टि है,कहीं प्रलय या आग।पर्यावरण दूषित हुआ,जाग रे मनुज जाग।।तड़प तड़प रोती धरा,सूखे सरिता … Read more

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