आओ खेलें खेल -संजय कुमार गुप्ता

आओ खेलें खेल

kavita

जीवन के इस दौड़ में,
चल थोड़ा शामिल हो जाएं।
उत्साह और उमंग से,
चल ऐसा अभ्यास करें।
स्फूर्ति और चपलता से,
नित जीत का नया स्वाद चखें।
तोड़ डालें पूर्वानुमानों को,
इतना हम सब आगे बढ़ें।
उठो, जागो और मत रुको,
जब तक की लक्ष्य ना पा जाओ।
आदर्श वाक्य जो अपनाया विश्व ने,
और तेज, और ऊंचा और ताकतवर का,
सदा चलो उसका ही अनुसरण करें।
खेल तो सिर्फ खेल नहीं,
वह तो है राष्ट्र का सम्मान।
जिसने किया समर्पित खुद को,
उसने कराया अपनी संस्कृति का गुणगान।
हार-जीत की ना परवाह कर तू,
चल खेल को खेल की भावना से जोड़ें।

संजय कुमार गुप्ता
वाराणसी उत्तर प्रदेश
संपर्क-9450084165

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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