आओ सब मिल कर संकल्प करें

आओ सब मिल कर संकल्प करें

आओ सब मिल कर संकल्प करें।
चैत्र शुक्ल नवमी है कुछ तो, नूतन आज करें।
आओ सब मिल कर संकल्प करें॥
मर्यादा में रहना सीखें, सागर से बन कर हम सब।
हम इस में रहना सिखलाएं, तोड़े कोई इसको जब।
मर्यादा के स्वामी की, धारण यह सीख करें।
आओ सब मिल कर संकल्प करें॥
मात पिता गुरु और बड़ों की, सेवा का ही मन हो।
भाई मित्र और सब के, लिए समर्पित ये तन हो।
समदर्शी सा बन कर, सबसे व्यवहार करें।
आओ सब मिल कर संकल्प करें॥
उत्तम आदर्शों को हम, जीवन में सभी उतारें।
कर चरित्र निर्माण स्वयं को, जग में आज सुधारें।
खुद उत्तम बन कर हम, पुरुषोत्तम को ‘नमन’ करें।
आओ सब मिल कर संकल्प करें॥
आज रामनवमी के दिन हम, मिल कर व्रत यह लेवें।
दीन दुखी आरत जन जन को, सकल सहारा देवें।
राम-राज्य का धरती पर, सपना साकार करें।
आओ सब मिल कर संकल्प करें॥
बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’
तिनसुकिया
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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