आया बसंत- कविता चौहान

आया बसंत आया बसंत

आया बसंत, आया बसंत
छाई जग में शोभा अनंत।
चारों ओर हरियाली छाई
जब बसंत ऋतु है आई।
रंग बिरंगे फूल खिलाए
खेतों पर सरसों लहराए।
फूलों पर भोरे मंडराए
जब बसंत ऋतु है आए।

सूरज की लाली सबको भाए।
देख बसंत, शाखाएं लहराए।
देख नीला आसमा मन हर्षाए।
जब बसंत अपना रंग बिखराए।

अलसी की शोभा निराली।
कोयल कूके डाली डाली।
देखो कैसी मस्ती है छाई।
आई, बसंत ऋतु है आई।
भौंरे गाते है नये नये गान।
कोकिल छेड़ती मधुर तान।
है सब जीवों के सुखी प्राण
इस सुख का ना हो अब अंत।


आया बसंत आया बसंत
छाया जग में शोभा अनंत।

कविता चौहान

Comments

  1. Sangeeeta

    Nice✌🏻

  2. Sangeeta chauhan

    Good

  3. Charu

    अति सुन्दर रचना ☺️

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *