कविता : छत्तीसगढ़ निर्माण में अखण्ड धरना आंदोलन पर दोहा / श्रीमती आशा आजाद

छत्तीसगढ़ निर्माण में अखण्ड धरना आंदोलन नामक हिन्दी कविता छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए किये गये संघर्ष पर आधारित हिंदी दोहावली है.

छत्तीसगढ़ निर्माण में अखण्ड धरना आंदोलन

राज्य शुभे छत्तीसगढ़, प्रेम अमिट विश्वास ।
धरना अखंड जो चला, उसका है इतिहास ।।

उन्नीसी पंचानवें, धरना शुरु था जान ।
दशम दिसंबर तक चला, अमिट पृथक पहचान ।।

इसवी सन उन्नीस में, बहुत हुआ संघर्ष ।
चला राज्य निर्माण में, आंदोलन हर वर्ष ।।

था प्रदेश में उस समय, आंदोलन का रूप ।
आज विरासत जो मिला, कहलाता यह भूप ।।

मुखर आज जो बिंब है, सुंदर घटित अतीत ।
पाँच साल तक जो चला, अंत मिला शुभ जीत ।।

संघर्षों की राह पर, सूत्रधार का नाम ।
कर्णधार बनकर किया, श्रेष्ठ अमिट सब काम ।।

पृथक राज्य निर्माण में, धरना चला अखंड ।
जो जो भागीदार थे, झेला पग पग दंड ।।

पृष्ठभूमि पर आज जो, प्रांत बना नव एक ।
संघर्षों पर जो चले, मनुज सभी थे नेक ।।

आज सुनाती हूँ सुनो, गाथा शुभ निर्माण ।
कष्ट झेलकर ही हुआ, आंदोलन निर्वाण ।।

श्रीमती आशा आजाद

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