कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

ये आम अनपढ़ बावला है

ये आम अनपढ़ बावला है दुर्व्यवस्था देख,क्या लाचार सा रोना भला है।क्या नहीं अब शेष हँसने की रही कोई कला है। शोक है उस ज्ञान पर करता विमुख पुरुषार्थ से जो,भाग्य की भी भ्राँतियों ने,कर्म का गौरव छला है। आग…

प्रकृति का इंसाफ पर कविता

जलती धरती/डॉ0 रामबली मिश्र

प्रकृति का इंसाफ पर कविता कायनात में शक्ति परीक्षा,दिव्य अस्त्र-शस्त्र परमाणु बम से |सारी शक्तियां संज्ञा-शून्य हुई ,प्रकृति प्रदत विषाणु के भ्रम से |अटल, अविचल, जीवनदायिनी ,वसुधा का सीना चीर दिया |!दोहन किया युगो- युगो तक,प्रकृति को अक्षम्य पीर दिया…

बेटी पर कविता

beti

बेटी पर कविता एक मासूम सी कली थीनाजों से जो पली थी आँखों में ख़्वाब थे औरमन में हसरतें थीं तितली की मानिन्द हर सुउड़ती वो फिर रही थी सपने बड़े थे उस केसच्चाई कुछ और ही थी अनजान अजनबी…

बेटी पर दोहा छंद

beti

बेटी पर दोहा छंद बेटी सृष्टि प्रसारणी , जग माया विस्वास।धरती पर अमरित रची, काया श्वाँसो श्वाँस।।.बेटी जग दातार भी ,यही जगत आधार।जग की सेतु समुद्र ये, जन मन देवा धार।।.बेटी गुण की खान है, त्याग मान बलिदान।राज धर्म तन…