महाशिव भोले भंडारी पर गीत
श्रावण मास में आराध्य महाशिव विषधारी, भोले भंडारी की स्तुति तांटक छन्दगीत में….
श्रावण मास में आराध्य महाशिव विषधारी, भोले भंडारी की स्तुति तांटक छन्दगीत में….
कवियों की आपबीती पर कविता शीश महल की बात पुरानी,रजवाड़ी किस्से जाने।हम भी शहंशाह है, भैया,शीश पटल के दीवाने। आभासी रिश्तों के कायल,कविताई के मस्ताने।कर्म विमुख साधो सा जीवन,अरु व्याकरणी पैमाने। कुछ तो नभमंडल से तारे,कुछ मुझ जैसे घसि यारे।काम छोड़ कविताई करते,दुखी भये सब घर वारे। मैं भी शीश पटल सत संगी,तुम भी हो … Read more
सुख-दुख की बाते बेमानी सुख-दुख( १६,१६)मैने तो हर पीड़ा झेली।सुख-दुख की बाते बेमानी। दुख ही मेरा सच्चा साथी,श्वाँस श्वाँस मे रहे सँगाती।मै तो केवल दुख ही जानूँ,प्रीत रीत मैने कब जानी,सुख-दुख की बाते बेमानी। सुख तो केवल छलना है,मुझे निरंतर पथ चलना है।बाधाओं से कब रुक पाया,जब जब मैने मन में ठानी,सुख-दुख की बातें बेमानी। … Read more
पनघट मरते प्यास {सरसी छंद 16+11=27 मात्रा,चरणांत गाल, 2 1}.नीर धीर दोनोे मिलते थे,सखी-कान्ह परिहास।था समय वही,,अब कथा बने,रीत गये उल्लास।तन मन आशा चुहल वार्ता,वे सब दौर उदास।मन की प्यास शमन करते वे,पनघट मरते प्यास।। वे नारी वार्ता स्थल थे,रमणी अरु गोपाल।पथिकों का श्रम हरने वाले,प्रेमी बतरस ग्वाल।पंछी जल की बूंद आस के,थोथे हुए दिलास।मन … Read more
मां शारदे नमन लिखा दे नमन् लिखा दे. १६,१४वीणा पाणी, ज्ञान प्रदायिनी,ब्रह्म तनया माँ शारदे।सतपथ जन प्रिय सत्साहित,हितकलम मेरी माँ तार दे। मात शारदे नमन् लिखादे,धरती, फिर नभ मानों को।जीवनदाता प्राण विधाता,मात पिता भगवानों को। मात शारदे नमन लिखा दे,सैनिक और किसानों को।तेरे वरद पुत्र,माँ शारद,गुरु, कविजन, विद्वानों को। मात शारदे नमन लिखा दे,भू पर … Read more