मत करो प्रकृति से खिलवाड़-दीप्ता नीमा

मत करो प्रकृति से खिलवाड़ मत काटो तुम ये पहाड़,मत बनाओ धरती को बीहाड़।मत करो प्रकृति से खिलवाड़,मत करो नियति से बिगाड़।।1।। जब अपने पर ये आएगी,त्राहि-त्राहि मच जाएगी।कुछ सूझ समझ न आएगी,ऐसी विपदाएं आएंगी ।।2।। भूस्खलन और बाढ़ का…