कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

मत करो प्रकृति से खिलवाड़-दीप्ता नीमा

hasdev jangal

मत करो प्रकृति से खिलवाड़ मत काटो तुम ये पहाड़,मत बनाओ धरती को बीहाड़।मत करो प्रकृति से खिलवाड़,मत करो नियति से बिगाड़।।1।। जब अपने पर ये आएगी,त्राहि-त्राहि मच जाएगी।कुछ सूझ समझ न आएगी,ऐसी विपदाएं आएंगी ।।2।। भूस्खलन और बाढ़ का…

प्रकृति से खिलवाड़ पर्यावरण असंतुलन-तबरेज़ अहमद

पर्यावरण संकट

प्रकृति से खिलवाड़ पर्यावरण असंतुलन शज़र के शाखो पर परिंदा डरा डरा सा लगता है।ऐसी भी क्या तरक्की हुई है मेरे मुल्क में।कई शज़र के शाखाओं को काटकर और कई शज़र को उजाड़ कर शहर का शहर बसा लगता है।इन…

सर्वधर्म सार तत्व (दोहे)

सर्वधर्म सार तत्व (दोहे) बाइबिल नीतिवचननीतिवचन से सीख लें, मोल महत्तम माप।बुद्धि स्वर्ण से उच्च है, सच पतरस की नाप।। बुद्धिबुद्धि क्षेत्र परिमाप को, दें इतना विस्तार।चाँदा घूमें नापने, जोड़ करें साकार।। यहोवाजन्म यहोवा को दिया, मरियम तारनहार।येरुशलम भूभाग पर,…

भोर वंदन- नवनिर्माण करें

भोर वंदन-नवनिर्माण करें ====लावणी छन्दगीत 16,14 पदांत 2==== सत्य सर्वदा अपनाएँ हम, न्योछावर निज प्राण करें।…राम राज्य आधार शिला ले,आओ नवनिर्माण करें।।… सत्य विकल तो हो सकता है, नहीं पराजय अंत मिले।झूठी चादर ओढ़े कलयुग, जयचंदों सह संत मिले।।कुपित मौलवी…