सुभाषचंद्र बोस पर कविता

सुभाषचंद्र बोस पर कविता है समय नदी की बाढ़ कि जिसमें सब बह जाया करते हैं।है समय बड़ा तूफ़ान प्रबल पर्वत झुक जाया करते हैं ।। अक्सर दुनिया के लोग समय में चक्कर खाया करते हैं।लेकिन कुछ ऐसे होते हैं, इतिहास बनाया करते हैं ।।यह उसी वीर इतिहास-पुरुष की अनुपम अमर कहानी है।जो रक्त कणों … Read more

पेपर बैग का उपयोग – अकिल खान

पेपर बैग का उपयोग – अकिल खान प्लास्टिक के उपयोग से संसार में प्रदूषण फैला है, घर – बर्तन – पोशाक है प्लास्टिक का और सबके हाथों में प्लास्टिक का थैला है। इससे उत्पन्न होते गंभीर समस्या फिर भी प्लास्टिक का मांग पहला है, लोगों उठो-जागो और देखो प्लास्टिक के कारण पर्यावरण हो गया मैला … Read more

मृत्युभोज पर कविता

मृत्युभोज पर कविता मृत्युभोज(16,14)जीवन भर अपनो के हित में,मित हर दिन चित रोग करे।कष्ट सहे,दुख भोगे,पीड़ा ,हानि लाभ,के योग करे,जरा,जरापन सार नहीं,अबबाद मृत्यु के भोज करे। बालपने में मात पिता प्रिय,निर्भर थे प्यारे लगते।युवा अवस्था आए तब तक,बिना पंख उड़ते भगते।मन की मर्जी राग करेे,जन,मनइच्छा उपयोग करें।जरा,जरापन सार नहीं,परबाद मृत्यु के भोज करे। सत्य सनातन … Read more

श्रम श्वेद- बाबूलाल शर्मा (ताटंक छंद)

ताटंक छंद ~विधान :- १६, १४ मात्राभारदो दो चरण ~ समतुकांत,चार चरण का ~ छंदतुकांत में गुरु गुरु गुरु,२२२ हो। श्रम श्वेद- बाबूलाल शर्मा (ताटंक छंद) बने नींव की ईंट श्रमी जो,गिरा श्वेद मीनारों में।स्वप्न अश्रु मिलकर गारे में।चुने गये दीवारों में।श्वेद नींव में दीवारों में,होता मिला दुकानों में।महल किले आवास सभी के,रहता मिला मकानों … Read more

नमन करूँ मैं- बाबूलाल शर्मा

नमन करूँ मैं- बाबूलाल शर्मा नमन. ( 16,14) नमन करूँ मैं निज जननी को,जिसने जीवन दान दिया।वंदन करूँ जनक को जिसनेजीवन का अरमान दिया। नमन करूँ भ्राता भगिनी सब ,संगत रख कर स्नेह दिया।गुरु को नमन दैव से पहलेवाचन लेखन ज्ञान दिया।. ~~~~~मानुष तन है दैव दुर्लभम,अनुपम यही सौगात है।दैव,धरा,गुरु,भ्राता,भगिनी,परिजन पिता या मात है। गंगा … Read more