समय सतत चलता है साथी
समय सतत चलता है साथी गीत(१६,१६) कठिन काल करनी कविताई!कविता संगत प्रीत मिताई!! समय सतत चलता है साथी,समय कहे मन त्याग ढ़िठाई।वक्त सगा नहीं रहा किसी का,वन वन भटके थे रघुराई।फुरसत के क्षण ढूँढ करें हमकविता संगत प्रीत मिताई। समय चक्र है ईष्ट सत्यता,वक्त सिकंदर,वक्त कल्पना।वक्त धार संग बहना साथी,मत देखे मन झूठा सपना।कठिन कर्म,पर्वत … Read more